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जुलाई 05 – अकेला न छोडूंगा!
“जैसे मैं मूसा के संग रहा, वैसे ही तेरे संग भी रहूंगा और न तो मैं तुझे धोखा दूंगा और न तुझ को छोड़ूंगा” (यहोशू 1:5)।
परमेश्वर द्वारा हमें जो महान चीजें दी गई हैं उन में से, उनकी उपस्थिति का हममें वास करना, सबसे महान है। उनकी उपस्थिति के समान कोई अन्य वस्तु इतनी मधुर और शक्तिशाली नहीं है। यीशु मसीह हमें अपनी महिमामय उपस्थिति से भर देने के लिए पृथ्वी पर उतर आए। पवित्रशास्त्र कहता है, “देखो, मैं जगत के अन्त तक सदा तुम्हारे संग हूं” (मत्ती 28:20)। यह कह कर, वह हमेशा हमारे साथ रहते हैं।
ब्राह्मण समुदाय के एक भाई ने ईसा मसीह को अपना उद्धारकर्ता स्वीकार करने के कारण अकथनीय परेशानी का अनुभव किया। एक दिन उसके माता-पिता ने उससे पूछा कि वह किसे चाहता है, उन्हें या यीशु मसीह को? उसने शांत स्वर में उत्तर दिया, ‘यीशु मसीह’को। यह पूछे जाने पर कि क्या उसे संपत्ति और जायदाद की आवश्यकता नहीं है, उसने उत्तर दिया कि यीशु मसीह ही उसके लिए सब कुछ हैं। यह सुनकर उसके माता-पिता भड़क गए, उसके कपड़े फाड़ दिए और उसे भगा दिया।
जब वह भाई सड़क पर अकेला जा रहा था, तो उसने यीशु मसीह की आवाज बहुत स्पष्ट रूप से सुनी। यीशु मसीह ने उससे कहा, “बेटा, मैं तुम्हें अनाथ के रूप में नहीं छोड़ूंगा”। परमेश्वर की मधुर उपस्थिति ने उस भाई को घेर लिया।
उस दिन, परमेश्वर ने गिदियोन से कहा, “हे शूरवीर सूरमा, यहोवा तेरे संग है” (न्यायियों 6:12)। स्वर्गदूत ने मरियम से कहा, “आनंद और जय तेरी हो,… प्रभु तेरे साथ है” (लूका 1:28)। परमेश्वर ने मूसा की ओर देखा और प्रतिज्ञा की, “मैं जो हूं सो हूं” (निर्गमन 3:14)। वही परमेश्वर कभी नहीं बदलते और सामर्थ्यी रूप में आपके साथ रहते हैं। इसलिए, मजबूत बनें और सारी थकान को दूर करें और तरोताजा बने रहें। परमेश्वर आपके द्वारा महिमामय कार्य करेंगे।
राजा दाऊद ने जान लिया कि परमेश्वर उसके साथ हैं। उसने यह कहकर खुद को मजबूत किया ,कि वह टलेगा नहीं, क्योंकि वह हमेशा प्रभु को अपने सामने रखता है। चूँकि उसे यह एहसास था कि, उसका चरवाहा ,परमेश्वर उसे कभी नहीं छोड़ेगा, इसलिए वह आनंद से कहता है, “चाहे मैं घोर अंधकार से भरी हुई तराई में होकर चलूं , तौभी हानि से न डरूंगा; क्योंकि तू मेरे साथ रहता है ;तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शांति मिलती है” (भजन संहिता 23:4) इस प्रकार और बलवन्त महसूस किया। परमेश्वर अंत तक दाऊद के साथ रहे और उसका मार्गदर्शन किया और उसी तरह वे आपका भी मार्गदर्शन करेंगे।
ध्यान करने के लिए: “और उन्होंने निकलकर हर जगह प्रचार किया, और प्रभु उनके साथ काम करता रहा, और उन चिन्हों के द्वारा जो साथ साथ होते थे,वचन को दृढ़ करता रहा। आमीन” (मरकुस 16:20)।