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जून 27 – नहीं जानते, जानोगे !

“जो मैं करता हूं तू उसे अभी नहीं जानता, परंतु इसके बाद समझेगा।”(यूहन्ना 13:7)

परमेश्वर जो कार्य करते हैं उन्हें यदि आप जानना चाहते हैं तो आपको आत्मिक आंखें खोलनी आवश्यक हैं। उनकी आवाज को सुनने के लिए कान खुले होना जरूरी हैं।

एक निश्चित जगह पर , कलीसिया का प्राचीन अचानक में मर गया। वह बहुत भक्त था। परमेश्वर से प्रेम करने वाला था। अकस्मात उसको हृदय का दौरा पड़ा। उसकी पत्नी और बच्चे काफी रोए। परमेश्वर ने हमारे साथ ऐसा क्यों किया? पिता को क्यों उठा लिया? एसा सोचकर उन्हें सांत्वना प्राप्त नहीं हो पा रही थी।

कुछ दिन बीत गए अपने संबंधियों के साथ मिलकर पत्नी और बच्चे जब रो रहे थे तब अचानक उस कमरे में एक महिमामय प्रकाश उनको दिखाई दिया। मरा हुआ सेवक असंख्य दूतों के साथ में दिखाई दिया। वही स्वरूप वही दृष्टि आते ही पत्नी और बच्चों को देखकर मुस्कुराते हुए पूछा क्यों रो रहे हो? परमेश्वर को धन्यवाद करें उसकी स्तुति करें। परमेश्वर भला है उसकी करूणा सदा की है, ऐसा कहा। फिर स्वर्गदूतों के जाने पर वह भी चला गया। उस घटना ने उनके जीवन को बदल दिया। बहुत सांत्वना मिली। परमेश्वर की स्तुति करते हुए उनकी महिमा करना शुरू कर दिया।

प्रेरित पौलुस लिखता है, “हे भाइयों, हम नहीं चाहते कि तुम उनके विषय में जो सोते हैं ,अज्ञानी रहो; ऐसा ना हो कि तुम दूसरों के समान शोक करो जिन्हें आशा नहीं। क्योंकि यदि हम विश्वास करते हैं कि यीशु मरा और जी भी उठा ,तो वैसे ही परमेश्वर उन्हें भी जो यीशु में सो गए हैं, उसी के साथ ले आएगा।”(1थिस्सलुनीकियों4:13,14)

मृत्यु अंत नहीं है वह एक विश्राम है। हमारा प्रभु पुनरुत्थान और जीवन है ,जो कोई उस पर विश्वास करता है, वह यदि मर भी जाए तो भी जिएगा। (यूहन्ना 11:25) आपको मृत्यु के बाद की परिस्थिति के विषय में पवित्र शास्त्र के उपदेश और प्रभु की प्रतिज्ञाओं के विषय में जानकारी होना चाहिए। प्रभु यीशु को मृत्यु ,पाताल या कब्र बंद करके नहीं रख सके। यहूदी सैनिकों और  रोमी  सैनिकों के द्वारा कब्र को सील लगाने के बाद भी देखभाल नहीं कर सके। यीशु मसीह जीवित हो उठे। इसलिए आपके भी जी उठने की आशा है।

परमेश्वर के प्रिय बच्चों आकस्मिक दुर्घटनाएं हो सकती हैं, विपत्तियां आ सकती हैं या मृत्यु हो सकती है, परमेश्वर क्यों ऐसा कर रहा है, आपका ह्रदय जब यह सवाल कर रहा हो तब परमेश्वर का उत्तर क्या है?’ ‘जो मैं करता हूं तू उसे अभी नहीं जानता परंतु इसके बाद समझेगा।’ यही उनका उत्तर है।

ध्यान करने के लिए, “हम जानते हैं कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उनके लिए सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती हैं ; अर्थात उन्हीं के लिए जो उसकी इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं।”(रोमियो 8:28)।

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