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जून 26 – वह बढ़े!

“जो ऊपर से आता है वह सर्वोत्तम है अवश्य है कि वह बढ़े और मैं घटूं। (यूहन्ना 3:31,30)

स्त्रियों से जो जन्मे हैं उनमें यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले से बड़ा कोई भी नहीं है यह गवाही प्रभु यीशु ने दी। किंतु उस यूहन्ना को देखें परमेश्वर के द्वारा गवाही प्राप्त इतना बड़ा होने के बाद भी परमेश्वर के सामने अपने आप को गिरा कर वह बढ़ेऔर मैं घटूं  ऐसा कह रहा है।

यूहन्ना का इस तरह से कहने का कारण क्या है? पवित्र शास्त्र कहता है, “जो ऊपर से आता है वह सर्वोत्तम है; जो पृथ्वी से आता है वह पृथ्वी का है, और पृथ्वी की ही बातें कहता है :जो स्वर्ग से आता है ,वह सब के ऊपर है।”(यूहन्ना 3:31)

एक बार साधु सुंदर सिंह तिरुअनंतपुरम में सेवकाई के लिए जब गए हुए थे वहां एक गरीब बहन मरे हुए अपने बच्चे को कंधे में उठाए रोते हुए उनके पास आई। उसके आंसुओं ने साधु  सुंदर सिंह के हृदय को द्रवित कर दिया। साधु सुंदर सिंह ने उस बच्चे को हाथ में लेकर परमेश्वर की ओर अपनी आंखों को उठाकर आंसुओं के साथ खुद को उंडेलकर प्रार्थना की। उस प्रार्थना को सुनकर परमेश्वर ने उस बच्चे को जीवन दे दिया। उस बच्चे की आंखें खुल गईं। वह अपनी मां को देखकर हंसा। मां की खुशी का बयान नहीं कर सकते हैं।

वह स्त्री तुरंत भाई साधु सुंदर सिंह के पैर पर गिरी और बोली ‘स्वामी आप ही आंखों से दिखाई देने वाले ईश्वर हैं, आप ही वास्तविक परमेश्वर के अवतार हैं आपने हमारे बच्चे को जीवन दिया है’ ऐसा बोलकर उनके पैरों पर गिर कर दंडवत किया। उसे देख कर साधु का हृदय दुखित हुआ। ‘अम्मा मैं भी एक मनुष्य हूं मेरी आराधना आप न करें, ऐसा उनके बहुत कहने पर भी वह सुनने को तैयार नहीं थी।

हृदय टूटकर साधु सुंदर सिंह परमेश्वर को देख कर बोले,’प्रभु आप ही  जीवित परमेश्वर हैं आप ही ने इस बच्चे को जीवन दिया है आपके नाम से ही इस बच्चे में जीवन आया है। ऐसा है फिर भी यह बहन मुझे दंडवत कर रही है मुझे माफ करें और इस बहन को भी माफ करें’ ऐसा कहकर रोने लगे। यही नहीं, परमेश्वर के सामने गिड़गिड़ाने लगे  ‘हे परमेश्वर यदि इस तरह से लोग मेरी आराधना करें ,तो अब से अद्भुत काम करने वाले वरदान मुझे नहीं चाहिए’ ऐसा उन्होंने कहा।

आप हमेशा स्वयं को गिराकर परमेश्वर को ही ऊंचा उठाएं। आपके जीवन में और आपकी सेवकाई में परमेश्वर को ही बड़ा बना रहने दें। कभी भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश न करें। उन्हें परमेश्वर के चरणों के पास लेकर आयें। तब परमेश्वर आपको आशीष दे कर आप की महिमा करेंगे। मैं घटूं और वह बढ़ें, यह प्रार्थना आपके ह्रदय में हमेशा बनी रहे।

ध्यान करने के लिए, “जो कोई तुममें बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने।”(मत्ती 20:27)

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