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जून 23 – अज्ञात रहस्य!

“अब से मैं तुझे नई-नई बातें और ऐसी गुप्त बातें सुनाऊंगा जिन्हें तू नहीं जानता।”(यशायाह 48:6)

यदि कोई बात प्रकट न की जाए तो वह दूसरों को कैसे पता चलेगी? परमेश्वर आप पर यदि प्रकाशित न करें तो रहस्य की बातों को आप नहीं जान सकते। परमेश्वर प्रेम से आप की ओर देखकर’अब से मैं तुझे नई-नई बातें और ऐसी गुप्त बातें सुनाऊंगा जिन्हें तू नहीं जानता’ ऐसा कह रहे हैं।

पूर्व में परमेश्वर ने अपने भविष्यवक्ताओं के द्वारा रहस्यों को जो लोग नहीं जानते थे प्रकट करना चाहा।उदाहरण के लिए प्रभु यीशु के जन्म के विषय में कई सैकड़ों साल पहले यशायाह भविष्यवक्ता के द्वारा एकदम सही बताया गया। अपने भविष्यवक्ताओं को अपने मर्म को प्रकट किए बिना वह कुछ भी नहीं करेंगे।’ ऐसा पवित्र शास्त्र कहता है।

पहले भविष्यवक्ताओं के द्वारा आपको सारे रहस्य प्रकट करने वाले परमेश्वर इस आखिरी के समय में मसीह के द्वारा आपको सारे रहस्य की बातें प्रकाशन करना चाहते हैं। आपके भविष्य के बारे में आपको बताने के लिए परमेश्वर हमेशा उत्सुक हैं यह कितनी खुशी की बात है!

परमेश्वर के प्यारे बच्चों, परमेश्वर की इच्छा को जानकर आने वाले समय में आपके परिवार को चलाने हमेशा परमेश्वर से उनकी सलाह मांगे। “मुझ से प्रार्थना कर और मैं तेरी सुनकर तुझे बड़ी बड़ी और कठिन बातें बताऊंगा जिन्हें तू अभी नहीं समझता”(यिर्मयाह 33:3) ऐसा परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की है।

आपकी जानकारी जो है ,वह भूतकाल और वर्तमान काल की है, लेकिन परमेश्वर आपके भविष्य को भी जानते हैं। आने वाले समय में आपको कैसे रहना है इस हेतु मार्गदर्शन भी वह देते हैं।”क्या तुम आने वाली घटनाएं मुझसे पूछोगे क्या मेरे पुत्रों और मेरे कामों के विषय मुझे आज्ञा दोगे?”(यशायाह 45:11) ऐसा परमेश्वर कह रहे हैं।

रात को सोते समय हमारे भविष्य के बारे में सपने के द्वारा हमें बताएं कहकर प्रार्थना करें।  यूसुफ से स्वप्न में बात करने वाले, शमूएल से दर्शन में बात करने वाले, नबूकदनेश्शर को आने वाले समय के बारे में बताने वाले परमेश्वर आप से भी वैसा करेंगे।

आज परमेश्वर आपसे बात करने के लिए तैयार हैं। आपके भविष्य के बारे में आपको प्रकाशित करके आपको श्रेष्ठ रास्तों पर चलाना चाहते हैं। परमेश्वर के प्यारे बच्चों आपको केवल इतना करना है कि परमेश्वर की ओर देखकर उन्हें पुकारना है। (भजन 91:15)।

ध्यान करने के लिए,”तुम फिर कभी ना रोओगे वह तुम्हारी दोहाई सुनते ही तुम पर निश्चय अनुग्रह करेगा ,वह सुनते ही तुम्हारी मानेगा।”(यशायाह 30:19)।

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