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जून 06 – प्रेम को जान लिया है!

“हम ने प्रेम इसी से जाना कि उसने हमारे लिये अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए।”(1यूहन्ना 3:16)

यीशु मसीह ने ही वास्तविक प्रेम की पहचान कराई। यही नहीं प्रेम का उदाहरण देने वाले भी वही हैं।”इससे बड़ा प्रेम किसी का नहीं कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे।”(यूहन्ना 15:13) ऐसा कहकर अपने प्राण को हमारे लिए देकर श्रेष्ठ प्रेम को प्रकट किया।

एक बार दक्षिण ध्रुव प्रदेश में शोध करने वाला एक युवा वैज्ञानिक समूह, भयंकर बर्फ की बारिश में फंस गया। उस बर्फ की बारिश की वजह से अपनी इच्छानुसार वे अपने गंतव्य में वापस जाने में असफल रहे। उनके पास जो भोजन था वह समाप्त हो गया। मात्र कुछ रोटी के टुकड़े बचे थे। भयंकर ठंड में और खाने के अभाव में, भूख से  मर जाएंगे ,ऐसा डर उनके अंदर में आ गया।

उस रात उनके तंबू में एक धीमी आवाज सुनाई देने पर उस समूह का मुखिया जाग गया। जब आंख खोली तो उसने उसी समूह के एक युवा को किसी अन्य सदस्य के थैले में हाथ डालते हुए देखा। उसने जब वह दृश्य देखा तो वह हिल गया।  ” सभी लोग भूख से पीड़ित हैं किंतु यह युवा वैज्ञानिक चोरी करने तक गिर गया ” यह कहकर उसका ह्रदय बहुत दुखित हुआ।

लेकिन कुछ ही सेकेंड के बाद उसके अंदर की व्याकुलता, खुशी में बदल गई। क्यों जानते हैं? उस युवा वैज्ञानिक ने चोरी नहीं की किंतु अपने हिस्से की रोटियों के टुकड़ों को वह दूसरे युवा के थैले में डाल रहा था। मैं मर भी जाऊं तो परवाह नहीं है किंतु मेरा वैज्ञानिक भाई बच जाए, उसकी दुर्बलता दूर हो जाए और बल को प्राप्त करे, ऐसा वह युवा वैज्ञानिक चाहता था। शायद सीधे उसे दिया जाए तो वह उसे स्वीकार नहीं करेगा , यह सोचकर रात को सोते समय उस भाई के थैले में रोटी के टुकड़ों को डालकर मदद कर रहा था।

ठिठुरन भरी ठंड में इतने त्याग से किये गये उस कार्य ने, ठंड में पड़े उस मुखिया के हृदय में आग को जला दिया। इस तरह का त्याग भरा प्रेम होने पर ही शोध करके अविष्कार किए जा सकते हैं यह उसको समझ में आया। सारे प्रेम और त्याग से बढ़कर एक प्रेम और त्याग को यीशु ने व्यावहारिक रूप में हमें दिखाया। उस प्रेम के प्रगटिकरण का निशान ही वह कलवारी का क्रूस है।

परमेश्वर के प्यारे बच्चों, आप पर इस असीमित प्रेम को रखने वाले प्राणप्रिय की सेवकाई के लिए आप अपने आप को सौंपेंगे क्या?

ध्यान करने के लिए,”परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।”(रोमियो 5:8).

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