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जुलूस 28 – वह आपकी परवाह करता है।

और अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उस को तुम्हारा ध्यान है।” (1 पतरस 5:7)

हमारा परमेश्वर प्यार से हमारी देखभाल करता है। वह हमारी भलाई, हमारी आध्यात्मिक स्थिति और हमारे परिवार की परवाह करता है। आप अपने दिल में एक दिव्य आराम का अनुभव करते हैं, क्योंकि प्रभु आपकी देखभाल करते हैं।

एक बार जब हम तिरुपथुर उपवास शिविर के बाद लौट रहे थे, हमारी कार का एक बड़ा हादसा हो गया। कार मैं ही चला रहा था। दुर्घटना में मेरे पिता, मेरी मां और मैं गंभीर रूप से घायल हो गए। और हम तीनों को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। हर दिन परमेश्वर के लोगो, हमारे स्वास्थ्य और हमारे ठीक होने के बारे में पूछताछ करने के लिए अस्पताल में हमारे पास आते। परमेश्वर के कई सेवक हमें फोन पर भी दिलासा देते थे और प्रोत्साहित करते थे और हमें परेशान न होने के लिए कहते थे। हम भी परमेश्वर के बच्चों की अश्रुपूर्ण प्रार्थनाओं से अभिभूत थे। परमेश्वर के परिवार का हिस्सा बनना कितना शानदार है!

जब हम दुखी होते हैं, तो हम चाहते हैं कि दूसरे हमसे प्यार से पूछें। ऐसे क्षणों में, भले ही हमारी देखभाल करने के लिए हमारे पास कोई हो या न हो, हमारे प्रभु यीशु हमेशा हमारे साथ हैं, हम पर अपना प्यार बरसाते हैं और हमारी देखभाल करते हैं। भविष्यवक्‍ता यशायाह कहता है: “हे सिय्योन के लोगों तुम यरूशलेम में बसे रहो; तुम फिर कभी न रोओगे, वह तुम्हारी दोहाई सुनते ही तुम पर निश्चय अनुग्रह करेगा: वह सुनते ही तुम्हारी मानेगा।” (यशायाह 30:19)।

जब हाजिरा अपने जीवन में तूफान से गुज़र रही थी, तो उसे अपने बच्चे के साथ इब्राहीम के घर से भागना पड़ा। जो कुछ धनवान इब्राहीम ने उसे दिया, वह सब कुछ रोटियां और एक खाल मे पानी । जंगल में उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था। लेकिन यहोवा ने उसकी देखभाल की। तब परमेश्वर के दूत ने हाजिरा को स्वर्ग से बुलाकर पूछा, हे हाजिरा, तुझे क्या है? मत डर, क्योंकि परमेश्वर ने उस लड़के का शब्द जहां वह है सुन लिया है” (उत्पत्ति 21:17)।

यहां तक कि जब इस दुनिया में आपको कोई नहीं समझता है, तब भी हमारे परमेश्वर आपकी वर्तमान स्थिति की पूरी तरह से सराहना करते हैं, आपके करीब आते हैं और आपकी देखभाल करते हैं। और वह वैसे ही आराम करता है जैसे एक माँ आपको दिलासा और दिलासा देती है। पवित्रशास्त्र कहता है: “और अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उस को तुम्हारा ध्यान है। ” (1 पतरस 5:7)।

जो सभी दुखों को अपने ऊपर ले लेते हैं, वे बड़बड़ाते हैं और परमेश्वर के खिलाफ कुड़कुड़ाते हैं। उन से यहोवा यों कहता है, “तौभी हे याकूब, तू ने मुझ से प्रार्थना नहीं की; वरन हे इस्राएल तू मुझ से उकता गया है!” (यशायाह 43:22)। हे परमेश्वर के लोगो, क्योंकि यहोवा हमारी चिन्ता करता है, तो आइए अपनी सारी चिन्ता त्याग दे, और यहोवा में सदा आनन्दित रहे।

मनन के लिए : “अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा॥” (भजन संहिता 55:22)

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