Appam, Appam - Hindi

अगस्त 09 – जीवन पाने के लिए।

“चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं।” (यूहन्ना 10:10)।

यहोवा कहता है कि वह हम सबको भरपूर जीवन देने आया है। यहोवा ने कहा: “इब्राहीम के होने से पहले, मैं हूँ।”, इस दुनिया की नींव रखने से पहले ही हमको चुनने वाला शाश्वत ईश्वर हमें भरपूर जीवन देने के लिए इस दुनिया में आया। जिसने मूसा से कहा, “मैं जो हूं सो हूं’, हमें अनंत जीवन देने के लिए शरीर और लहू में मानव का रूप धारण किया।

पवित्रशास्त्र कहता है: “जिस के पास पुत्र है, उसके पास जीवन है; और जिस के पास परमेश्वर का पुत्र नहीं, उसके पास जीवन भी नहीं है। मैं ने तुम्हें, जो परमेश्वर के पुत्र के नाम पर विश्वास करते हो, इसलिये लिखा है; कि तुम जानो, कि अनन्त जीवन तुम्हारा है।” (1 यूहन्ना 5:12 -13)।

प्रभु यीशु द्वारा दिया गया जीवन कोई साधारण जीवन नहीं है, बल्कि एक ऐसा जीवन है जो अनंत, शाश्वत और सत्य है। आपको वह जीवन देने के लिए उसने अपना जीवन त्याग दिया। ऐसे कई लोग हैं जो अपने जीवन से घृणा करते हैं और अपने स्वास्थ्य के बारे में शिकायत करते हुए कहते हैं, ‘मैं कब तक इस बीमारी से पीड़ित रहूंगा? यह अच्छा होगा यदि प्रभु मुझे घर बुलाए। यह वास्तव में बहुत दर्दनाक होता है जब एक मनुष्य लंबे समय तक बीमारी, दर्द और पीड़ा के साथ रहता है तो उससे उसकी शांति को छीन लिया गया येसा महसूस करता है।

लेकिन परमेश्वर आपको जीवन, स्वास्थ्य, शक्ति और कल्याण प्रदान करते हैं। वह आपको शांति और अनंत जीवन देने का भी वादा करता है। अनंत जीवन एक पूर्ण जीवन को संदर्भित करता है, एक ऐसा जीवन जो मसीह में शांति और आनंद से भरा हो। जिन लोगों ने परमेश्वर को देखा है, उनके जीवन में ऐसी खुशी का अनुभव होता है।

अगर गाड़ी के पहिये से लिंचपिन हटा दिया जाता है, तो गाड़ी पलट जाएगी। इसी तरह, यदि आप एक ऐसा जीवन जीते हैं जो मसीह से बहुत दूर है, जो आपके आध्यात्मिक जीवन की धुरी है, तो आपके जीवन का दुखद अंत हो जाएगा। परन्तु यदि आप एक मसीह-केंद्रित जीवन जीते हैं, तो यह अनन्त आशीष का जीवन होगा, जो आपको अनन्त जीवन की ओर ले जाएगा।

कुछ लोग धन-दौलत में लिप्त रहते हैं और एक असाधारण जीवन जीते हैं। उनकी गलत धारणा है कि सच्चे जीवन में नाम, प्रसिद्धि, धन और बहुत सारे रिश्तेदार होना अनिवार्य हैं। लेकिन उन्हें इस बात का अहसास नहीं होता कि ऐसा जीवन कितना खोखला होता है। परन्तु आपने प्रभु यीशु मसीह को अपना छुड़ाने वाला और अपने जीवन का प्रभु स्वीकार किया है तो आपके उसे अपने जीवन का केंद्र बनाना होंगा, तो आपका जीवन निश्चित रूप से पूर्ण सुख और शांति से भर जाएगा।

मनन के लिए: “नाशमान भोजन के लिये परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है, जिसे मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा, क्योंकि पिता, अर्थात परमेश्वर ने उसी पर छाप कर दी है।” (यूहन्ना 6:27)।

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