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जून 15 – अकेलेपन में शान्ति
“देखो, वह घड़ी आती है वरन आ पहुंची कि तुम सब तित्तर बित्तर होकर अपना अपना मार्ग लोगे, और मुझे अकेला छोड़ दोगे, तौभी मैं अकेला नहीं क्योंकि पिता मेरे साथ है।” (यूहन्ना 16:32)।
मनुष्य के जीवन मे अकेलापन एक अंदुरिनी दर्द लेकर लाता है और दिल को थका देता है। और अपने काम के कारण, यदि आप अपने परिवार से दूर होते या दूर देश में रहते हैं, तो कई बार ये भी हमारे दिल को दुखी करता है।
भले ही आपके परिवार में कई सदस्य हों, लेकिन अगर आपके प्रति सच्चा प्यार और स्नेह दिखाने वाला कोई नहीं हो या आपसे नफरत करते हो या आपके बारे में बुरा बोलते हैं, तो आप अपने ही घर में अकेलेपन महसूस करेंगे।
ऐसे में यह कभी न भूलें कि प्रभु हमेशा आपके साथ हैं। उनकी उपस्थिति हमेशा आपके साथ है। उनके साथ बातचीत करने के लिए उसकी दया का सिंहासन हमेशा आपके लिए उपलब्ध है।
यीशु मसीह ने इस तथ्य पर गर्व किया कि वह कभी अकेला नहीं था, क्योंकि पिता हमेशा उसके साथ था। परमेश्वर के साथ घनिष्ठ और व्यक्तिगत संवाद करने के लिए, वे पहाडॉ पर जाते थे और पिता के साथ बातचीत करते अर्थात प्रार्थना मे समय बिताते थे। हम पवित्रशास्त्र में देखते हैं कि जब उन्हें क्रूस उठाना पड़ा, तब भी वे पिता के साथ निरंतर संगति और सहभागिता में थे।
हनोक अकेलेपन के समय को परमेश्वर के साथ आनंदमय और एकता मे जोड़ दिया जोकि एक महान उदाहरण है। उसे परमेश्वर का भविष्यद्वक्ता कहा गया, और आने वाले समय के बारे में भविष्यवाणी की, और पवित्रशास्त्र में एक स्थायी उल्लेख ले लिए जगह मिला।
नूह, जब उसने नाव बनाया, वह बिलकुल अकेला था। उसकी पीढ़ी के लाखों लोगों के बीच, केवल उसका परिवार ही प्रभु के लिए खड़ा था। वह अकेला खड़ा था और परमेश्वर के वचन का प्रचार करता था, और उसे सभी लज्जा, अपमान और उपहास को सहन करना पड़ा। लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी। अंत में, वह विजयी हुआ और शानदार ढंग से परमेश्वर के निर्देशित नाव में प्रवेश किया।
याकूब अपने भाई एसाव से जो दूसरी ओर था डरकर यब्बोक के घाट के पास अकेला खड़ा था। उनके पास अपने ससुर का समर्थन नहीं था, क्योंकि उसका परिवार अलग से यात्रा कर रहा था। लेकिन उसने अपने अकेलेपन और डर के उस समय का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए किया। उसने परमेश्वर के दूत के साथ मलयुद्ध किया और उससे आशीर्वाद मांगा। और हम जानते हैं कि कैसे उन अकेलेपन क्षणों ने स्थिति में भारी परिवर्तन किया और याकूब के लिए अनन्त आशीषों को लाया।
परमेश्वर के लोगो, परमेश्वर आपको आपके अकेलेपन के क्षणों में भी आशीष देंगे और आपको आराम देंगे।
मनन ले लिए: “मैं तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं।” (यूहन्ना 14:18)।