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अक्टूबर 11 – शिमशोन।
‘तब दलीला ने शिमशोन से कहा, मुझे बता दे कि तेरे बड़े बल का भेद क्या है, और किसी रीति से कोई तुझे बान्धकर दबा रख सके.’ (न्यायियों 16:6).
आज हम एक शक्तिशाली न्यायी पर मनन करेंगे, जिसे पवित्र आत्मा की शक्ति से महान शक्ति प्राप्त हुई – शिमशोन. शिमशोन नाम का अर्थ है सूर्य के समान. उसके जन्म से पहले ही, प्रभु के दूत ने उसके माता-पिता को उसके चमत्कारी जन्म की भविष्यवाणी कर दी थी. उसका जन्म दान गोत्र के मानोह के यहाँ हुआ था.
जिस प्रकार शिमशोन की माँ ने स्वयं को पवित्र रखा – न तो दाखमधु पीया, न ही कोई अशुद्ध वस्तु खाई, और बच्चे के लिए पवित्र जीवन व्यतीत किया – उसी प्रकार आपको भी अपने बच्चों का पालन-पोषण समर्पण और पवित्रता के साथ करने का प्रयास करना चाहिए. परमेश्वर के सेवकों को कलीसिया और विश्वासियों के लिए पवित्र बने रहना चाहिए.
बाइबल कहती है कि शिमशोन के सिर पर उस्तरा नहीं चलना था, क्योंकि उसे जन्म से ही परमेश्वर का नाज़ीर होना था (न्यायियों 13:5; 16:17). आप गिनती 6:2-6 में नाज़ीर व्रत के बारे में पढ़ सकते हैं.
उसे अंगूर की बेल से, बीज से लेकर छिलके तक, कुछ भी नहीं खाना था. दाखमधु शारीरिक सुख का प्रतीक है. इसी प्रकार, परमेश्वर की संतानों को आँखों की अभिलाषा, शरीर की अभिलाषा और जीविका के घमण्ड से दूर रहना चाहिए.
उसके सिर पर उस्तरा नहीं चलना था. छल करने वाली जीभ तेज़ उस्तरे के समान है (भजन 52:2). अपने हृदय को झूठी शिक्षाओं, झूठी भविष्यवाणियों और झूठे उपदेशों से भ्रष्ट होने से बचाएँ (2 कुरिं. 11:3).
नाज़ीर व्रत रखने वालों को किसी भी शव के पास नहीं जाना था. उन्हें एकांत जीवन व्यतीत करना था. इसीलिए दाऊद ने कहा, “धन्य है वह मनुष्य जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, न पापियों के मार्ग में खड़ा होता, न ठट्ठा करनेवालों की मण्डली में बैठता है” (भजन संहिता 1:1).
शिमशोन की महान शक्ति पवित्र आत्मा से आई थी. कभी-कभी, प्रभु की आत्मा उसे मार्गदर्शन देने लगी (न्यायियों 13:25). कभी-कभी, आत्मा उस पर प्रबल रूप से उतरी (न्यायियों 14:6). इसी कारण, उसने सिंह को उसी प्रकार फाड़ डाला जैसे कोई बकरी के बच्चे को फाड़ डालता है.
परन्तु शिमशोन ने अपने समर्पण या नाज़ीर व्रत का ध्यान नहीं रखा. अंततः, उसने अपनी शक्ति खो दी.
परमेश्वर के प्रिय लोगों, सावधान रहे कि आप ऐसा कोई पाप न करे जिससे प्रभु आपसे दूर हो जाएँ. याद रखे, आपका शरीर पवित्र आत्मा का मंदिर है!
मनन के लिए पद: “तब शिमशोन ने यह कहकर यहोवा की दोहाई दी, कि हे प्रभु यहोवा, मेरी सुधि ले; हे परमेश्वर, अब की बार मुझे बल दे, कि मैं पलिश्तियों से अपनी दोनों आंखों का एक ही पलटा लूं.” (न्यायियों 16:28).