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जुलाई 06 – दाऊद की सच्चाई!
“यहोवा एक-एक को अपने-अपने धर्म और सच्चाई का फल देगा; देख, आज यहोवा ने तुझको मेरे हाथ में कर दिया था, परंतु मैंने यहोवा के अभिषिक्त पर अपना हाथ उठाना उचित न समझा” (1 शमूएल 26:23)।
दाऊद परमेश्वर के इस निर्देश को पूरा करने में विश्वासयोग्य था, कि “अभिषिक्त लोगों पर हाथ मत बढ़ाओ”। शाऊल का राजा के रूप में अभिषेक किया गया था। लेकिन परमेश्वर के वचन की अवज्ञा करने के कारण उसकी उपेक्षा की गई थी। परमेश्वर ने शाऊल को सिंहासन से उतारने और उसे दाऊद को सौंप देने की इच्छा व्यक्त की। लेकिन फिर भी, दाऊद के मन में शाऊल के प्रति आदर और सम्मान था।
लेकिन, शाऊल ने दाऊद का शिकार करने के लिए उसका पीछा किया। जब दाऊद पहाड़ियों और गुफाओं में छिपा था, तब भी शाऊल अपने योद्धाओं समेत उसकी खोज में निकला। परन्तु, एक दिन, दाऊद ,शाऊल के पास अकेले पहुँचने में सफल हुआ, जब वह सो रहा था। और वह भाला और पानी का घड़ा जो शाऊल के पास थे, ले कर वहां से चला गया। उसने शाऊल को मारने की कोशिश नहीं की। जब अबीशै ने शाऊल को घात करना चाहा, तब दाऊद ने कहा, “उसे नष्ट न कर; क्योंकि यहोवा के अभिषिक्त पर हाथ चलाकर कौन निर्दोष ठहर सकता है?” (1शमूएल 26:9)।
दाऊद की सच्चाई को देखकर परमेश्वर ने उसे आशीष देना चाहा। दाऊद दिन-ब-दिन उन्नति करता गया। उचित समय पर, उसे शाऊल का राज्य भी विरासत में मिला। हम भी कितने आशीषित होंगे,अगर हम भी दाऊद की तरह विश्वासयोग्य बने रहें ! परमेश्वर के चुने हुए सेवकों की बुराई कभी न करें। उनके खिलाफ कभी भी हाथ न बढ़ाएं।
पवित्रशास्त्र कहता है, “परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर ही है जो उनको धर्मी ठहराताहै” (रोमियों 8:33)। जो लोग परमेश्वर पर अपना प्रेम रखते हैं, वे कभी भी परमेश्वर के अभिषिक्त सेवकों में दोष खोजने में शामिल नहीं होंगे। वे उनमें दिखाई देने वाली अच्छी चीजों की सराहना करेंगे और जब कोई कमी दिखाई देगी, तो उन्हें शर्मिंदा करने की कोशिश करने के बजाय घुटने टेककर उनके लिए आंसुओं के साथ प्रार्थना करेंगे। दाऊद के अंदर कितनी अद्भुत सच्चाई थी!
सुलैमान ने दाऊद की सच्चाई को देखा। तब उस ने प्रार्थना करते हुए कहा, “तू अपने दास मेरे पिता दाऊद पर बड़ी करुणा करता रहा, क्योंकि वह अपने को तेरे सम्मुख जानकर तेरे साथ सच्चाई और धर्म और मन की सीधाई से चलता रहा; और तूने यहां तक उस पर करुणा की थी कि उसे उसकी गद्दी पर विराजने वाला एक पुत्र दिया है, जैसा कि आज वर्तमान है” (1 राजा 3:6)। परमेश्वर के प्यारे बच्चों, परमेश्वर के प्रति विश्वास योग्य बने रहें। अभिषिक्त लोगों में दोष खोजने की आदत से छुटकारा पाएं और दिव्य शांति और नम्रता के साथ रहें।
मनन करने के लिए: “यहोवा सच्चे लोगों की तो रक्षा करता है, परंतु जो अहंकार करता है उसको वह भली-भांति बदला देता है” (भजन 31:23)।