No products in the cart.
जुलूस 24 – वह इरादे जानता है।
“गर्भ में रचने से पहिले ही मैं ने तुझ पर चित्त लगाया, और उत्पन्न होने से पहिले ही मैं ने तुझे अभिषेक किया; मैं ने तुझे जातियों का भविष्यद्वक्ता ठहराया।” (यिर्मयाह 1:5)।
परमेश्वर आपके दिलों के सभी इरादों को जानता है, और वह उस मार्ग को जानता है जिसमें उसे आपकी अगुवाई करनी चाहिए। जब यिर्मयाह बहुत छोटा था, तब भी उसके जीवन के बारे में यहोवा का स्पष्ट इरादा था। जब यिर्मयाह ने कहा: “आह, परमेश्वर यहोवा! देख, मैं बोल नहीं सकता, क्योंकि मैं तो अभी बालक ही हूं” (यिर्मयाह 1:6), प्रभु ने उसे उत्तर दिया और कहा: “मैं तुम्हें जानता था”। आज हम भी निश्चय हो जाये कि वही प्रभु जो यिर्मयाह को उसकी माता के गर्भ में बनने से पहले से जानता था, हमे भी पूरी तरह जानता है।
आप प्रभु द्वारा चुने गए हैं। इस कारण यहोवा की आंखों ने आपको, इस जगत के करोड़ों लोगों के बीच देखा है। इसलिए वह पूरे प्यार से आपकी तलाश में आया था। उसने आपको अपने हाथों में उठा लिया, और आपको अपनी संतान के रूप में जन्म दिया। कलवारी पर बहाए गए अपने बहुमूल्य लहू से उसने आपको आपके पाप के सभी दागों से बेदाग शुद्ध किया। उस लहू के द्वारा उस ने आपसे से वाचा भी बान्धी है।
आपका जीवन परमेश्वर के हाथ में है। वह हमको अपने गौरवशाली हाथों में पकड़े हुए है। हम उसके हाथों और पैरों के बीच की खाई में खड़े हो, जो कीलों से छिद गई थी। वह गौरवशाली हाथ हमारी अगुवाई कर रहा है। और तो फिर हमको परमेश्वर के उस शक्तिशाली हाथ से कौन छीन सकता है? यहोवा कहता है: “हे याकूब के घराने, हे इस्राएल के घराने के सब बचे हुए लोगो, मेरी ओर कान लगाकर सुनो; तुम को मैं तुम्हारी उत्पत्ति ही से उठाए रहा और जन्म ही से लिए फिरता आया हूं। तुम्हारे बुढ़ापे में भी मैं वैसा ही बना रहूंगा और तुम्हारे बाल पकने के समय तक तुम्हें उठाए रहूंगा। मैं ने तुम्हें बनाया और तुम्हें लिए फिरता रहूंगा;” (यशायाह 46:3-4)।
मेरी दादी मेरे पिता को, उनके छोटे दिनों में, कहती थीं कि उन्होंने उन्हें प्रभु की सेवा के लिए समर्पित कर दिया था, तब भी जब वह उनके गर्भ में ही थे। और यह कि उसने प्रार्थना की कि वह प्रभु की सेवा में शक्तिशाली रूप से उपयोग किया जाए। ये शब्द उनके दिल से कभी नहीं निकले। और अपनी युवावस्था में, प्रभु ने अपने प्रबल प्रेम से, उसे अपनी ओर खींच लिया। प्रभु उन्हे पूरी तरह से जानते और समझते थे। उनकी कृपा मेरे पिता को आध्यात्मिक पुस्तकें लिखने और प्रकाशित करने के सेवा में स्थापित करने के लिए पर्याप्त थी। परमेश्वर जिसके जीवन का स्पष्ट उद्देश्य था, वह भी अपने जीवन में उसे पूरा करने में सक्षम था।
परमेश्वर के लोगो, हम परमेश्वर के हाथ में बहुत खास हैं। आपके जीवन में और उसके माध्यम से प्रभु का एक उद्देश्य है। वह हमको कभी अनाथ नहीं छोड़ेगा और न ही त्यागेगा। और वह निश्चित रूप से हमारे जीवन में अपने उद्देश्य को पूरा करेगा।
मनन के लिए: “और सुन, मैं तेरे संग रहूंगा, और जहां कहीं तू जाए वहां तेरी रक्षा करूंगा, और तुझे इस देश में लौटा ले आऊंगा: मैं अपने कहे हुए को जब तक पूरा न कर लूं तब तक तुझ को न छोडूंगा।” (उत्पत्ति 28:15)।