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जनवरी 22 – पूर्णशक्ति

“औरउसनेमुझसेकहा, मेराअनुग्रहतेरेलियेबहुतहै; क्योंकिमेरीसामर्थनिर्बलतामेंसिद्धहोतीहै; इसलियेमैंबड़ेआनन्दसेअपनीनिर्बलताओंपरघमण्डकरूंगा, किमसीहकीसामर्थमुझपरछायाकरतीरहे।” (2कुरिन्थियों12:9)।

आपकोअपनीशक्तिमेंसिद्धबनाएजानेकेलिएबुलायागयाहै।इसलिएजरूरीहैकिआपखुदकोमजबूतकरें।यहघोषणाकरतेहुएप्रभुमेंदृढ़रहो: “जोमुझेसामर्थदेताहैउसमेंमैंसबकुछकरसकताहूं।” (फिलिप्पियों4:13)।

राजादाऊदवहव्यक्तिथाजोअपनेजीवनकेहरपहलूमेंताकतसेबढ़तागया, औरपरमेश्वरकीस्तुतिकरनेमेंआनंदपाया।वहकहताहैकि: “परमेश्वरमेराबलऔरभजनकाविषयहै; वहमेराउद्धारठहराहै॥” (भजनसंहिता118:14)।अपनेकोकमजोरयाअनाथयाअशिक्षितसमझकरअपनेहृदयमेंकभीभीथकेनहीं।पवित्रशास्त्रहमेंबताताहैकि: “परन्तुपरमेश्वरनेजगतकेमूर्खोंकोचुनलियाहै, किज्ञानवालोंकोलज्ज़ितकरे; औरपरमेश्वरनेजगतकेनिर्बलोंकोचुनलियाहै, किबलवानोंकोलज्ज़ितकरे।” (1कुरिन्थियों1:27) .

परमेस्वरनेआपकोचुनाहैऔरआपकोदिव्यशक्तिसेभरदियाहै।दाऊदकहताहै: “तेरीसहायतासेमैंदलपरधावाकरता, अपनेपरमेश्वरकीसहायतासेमैंशहरपनाहकोफांदजाताहूँ।………औरतूनेयुद्धकेलियेमेरीकमरबलवन्तकी; औरमेरेविरोधियोंकोमेरेहीसाम्हनेपरास्तकरदिया।” (2शमूएल22:30, 40)।

इस्राएलियोंमेंसेकोईभीकमजोरनहींथा।मूसा, जोउन्हेंमिस्रसेबाहरलेगया, एकसौबीसवर्षकीआयुमेंभीअपनेपैरोंमेंकमजोरयाउसकीदृष्टिमेंमंदनहींथा।इसीतरहकालेबकीताकतपैंतालीससालकीउम्रमेंभीकमनहींहुईथी।उसनेकहा: “औरअबदेख, जबसेयहोवानेमूसासेयहवचनकहाथातबसेपैतालीसवर्षहोचुकेहैं, जिनमेंइस्राएलीजंगलमेंघूमतेफिरतेरहे; उनमेंयहोवानेअपनेकहनेकेअनुसारमुझेजीवितरखाहै; औरअबमैंपचासीवर्षकाहूं।जितनाबलमूसाकेभेजनेकेदिनमुझमेंथाउतनाबलअभीतकमुझमेंहै; युद्धकरने, वाभीतरबाहरआनेजानेकेलियेजितनीउससमयमुझमेसामर्थ्यथीउतनीहीअबभीमुझमेंसामर्थ्यहै।” (यहोशू14:10-11)।

सबसेपहलेऔरसबसेमहत्वपूर्ण, आपअपनेउद्धारकेसमयमजबूतहोतेहैं।जिसक्षणआपकोछुड़ायाजाएगा, आपमहसूसकरपाएंगेकिप्रभुऔरसारास्वर्गआपकेसाथहैं।इसलिएदाऊदनेयहकहतेहुएआनन्दसेपुकारा: “हेयहोवाप्रभु, हेमेरेसामर्थीउद्धारकर्ता, तूनेयुद्धकेदिनमेरेसिरकीरक्षाकीहै।” (भजन140:7)।

दूसरीबात, परमेश्वरकेवचनमेंताकतहै।पवित्रशास्त्रहमेंबताताहै: “परन्तुहरबातसेपरमेश्वरकेसेवकोंकीनाईंअपनेसद्गुणोंकोप्रगटकरतेहैं, बड़ेधैर्यसे, क्लेशोंसे, दिरद्रतासे, संकटोसे………..सच्चेप्रेमसे, सत्यकेवचनसे, परमेश्वरकीसामर्थसे; धामिर्कताकेहथियारोंसेजोदाहिने, बाएंहैं।” (2कुरिन्थियों6:4, 7))।आत्माकीतलवार, जोपरमेश्वरकावचनहै (इफिसियों6:17) – यहगढ़ोंकोगिरानेकेलिएपरमेश्वरमेंपराक्रमीहै (2कुरिन्थियों10:4)।

तीसरा, पवित्रआत्मामेंसामर्थ्यहै।प्रेरितपौलुसरोमियोंकोलिखीअपनीपत्रीमेंइसप्रकारलिखताहै: “सोपरमेश्वरजोआशाकादाताहैतुम्हेंविश्वासकरनेमेंसबप्रकारकेआनन्दऔरशान्तिसेपरिपूर्णकरे, किपवित्रआत्माकीसामर्थसेतुम्हारीआशाबढ़तीजाए॥” (रोमियों15:13)। परमेस्वरकेलोगो,आगेआए- हमताकतमेंसिद्धहोजाएं!

मननकेलिए: “वेशक्तिसेशक्तिकीओरबढ़तेहैं; सिय्योनमेंहरएकपरमेश्वरकेसम्मुखउपस्थितहोताहै” (भजनसंहिता84:7)

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