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जुलाई 30 – सिलवानुस की सच्चाई!
“मैं ने सिलवानुस के हाथ, जिसे मैं विश्वासयोग्य भाई समझता हूं, संक्षेप में लिखकर तुम्हें समझाया है” (1 पतरस 5:12)।
हम पवित्रशास्त्र में सिलवानुस नाम के एक अनजान भाई के बारे में पढ़ते हैं। पतरस उसकी “विश्वासयोग्य भाई” कहकर गवाही देता है। केवल सिलवानुस ही इस उदाहरण में दिखाई देता है और हो सकता है कि आप उसके बारे में ज्यादा नहीं जानते हों। लेकिन, ‘विश्वासयोग्य’ कहलाने के कारण हमारा दिल खुश हो जाता है। इसने उसे पवित्रशास्त्र में एक स्थायी स्थान दिया है।
आज, परमेश्वर विश्वासयोग्य लोगों की तलाश में है। इस खोज में उनकी निगाहें पूरी दुनिया में घूम रही हैं। वे लगातार खोजती है ताकि विश्वासयोग्य लोगों पर परमेश्वर की सामर्थ्य को प्रकट करे। राजा सुलैमान पूछता है, “… परंतु सच्चा पुरुष कौन पा सकता है?” (नीतिवचन 20:6)।
इन दिनों में ,जिसमें आप रहते हैं, आपको सच्चे बने रहना थोड़ा मुश्किल लग सकता है। वरिष्ठ अधिकारी आपको खातों की किताब में झूठ लिखने के लिए मजबूर कर सकते हैं। आपके विवेक के विरुद्ध, आपको झूठ बोलने की विवशता उत्पन्न हो सकती है। लेकिन, परमेश्वर की आंखें सच्चे लोगों को देखती रहती हैं।
एक भाई ने कहा, “अगर मैं अपनी दुकान में बीड़ी, सिगरेट और अन्य नशीला पदार्थ बेचता तो मेरा व्यवसाय फल-फूल जाता। लेकिन, मैं परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य बने रहना चाहता था। इसलिए, मैंने अपनी दुकान में ऐसा कुछ भी नहीं बेचा है जो परमेश्वर को पसंद नहीं है और इसके बजाय, मैंने अपनी दुकान में एक बोर्ड लगा रखा है, जिसमें लिखा है, ‘जो प्रभु पर भरोसा रखता है, वह समृद्ध हो जाएगा। परमेश्वर मुझे आशीष दे रहे हैं।’
एक अन्य भाई ने कहा, ‘मैं पुलिस विभाग में कार्यरत हूं। मेरी सच्चाई ने मेरा मजाक उड़वाया है। इस विभाग में ईमानदारी से बने रहना है या मुझे इस नौकरी से इस्तीफा दे देना चाहिए, यह मेरे सामने बड़ा सवाल है। लेकिन जिस परमेश्वर ने मेरी विश्वासयोग्यता को देखा, उसने मुझे उसी विभाग में उच्च पद पर बिठाया है।”
कई मौकों पर, आपकी सच्चाई के लिए परीक्षाएँ आ सकती हैं। यदि आप थोड़े में विश्वासयोग्य हैं, तो आपको बहुतों पर अधिकारी कर दिया जाएगा। पवित्रशास्त्र कहता है, “फिर यहां भण्डारी में यह बात देखी जाती है, कि वह विश्वासयोग्य हो ” (1 कुरिन्थियों 4:2)।
विश्वासयोग्य बने रहने के अलावा, जब आप ईमानदार व्यक्तियों से मिलते हैं, तो आप उन्हें प्रोत्साहित करें। उनसे कहें,”सच्चे और ईमानदार बने रहें। कभी मायूस न हों। परमेश्वर आपको उचित समय पर ऊंचा उठाएंगे” और इस प्रकार एक दूसरे को प्रोत्साहित करें। परमेश्वर के प्रिय बच्चों, चाहे कैसी भी परिस्थिति हो और चाहे कैसी भी परीक्षाओं का सामना करें , अपनी विश्वासयोग्यता की रक्षा करें। आपको बहुत ऊंचा उठाने के लिए, परमेश्वर का समय बहुत निकट है।
ध्यान करने के लिए: “…प्राण देने तक विश्वासी रह, तो मैं तुझे जीवन का मुकुट दूंगा” (प्रकाशितवाक्य 2:10)।