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जुलाई 28 – पासआये हो!
“पर तुम सिय्योन के पहाड़ के पास, और जीवते परमेश्वर के नगर, स्वर्गीय यरूशलेम के पास और लाखों स्वर्गदूतों …. के पास आए हो” (इब्रानियों 12:22-24)।
मसीही परिवार एक प्यारा, महान और सुंदर परिवार है। जब कोई यीशु मसीह के करीब आता है, तो वह एक आशीषितअनुभव में आता है। वह एक करीबी रिश्ते की ओर आता है। वह आनंद आशीष की ओर आता है। उपरोक्त वचन में ‘ तुम पास आए हो ‘ महत्वपूर्ण है। आप कहाँ आए हैं? आप उस स्वर्गीय परिवार में आए हैं ,जहां हजारों स्वर्गदूत हैं। आइए हम इस पर ध्यान करें।
हमारे परिवार में, हमारे पास मजबूत, पराक्रमी स्वर्गदूत हैं और सुंदर दिखने वाले करूब भी हैं। वहां, सेवा करने वाली आत्माएं भी हैं ,जो हमारी सेवा करने के लिए उपयुक्त समय पर हमारे पास दौड़ते हुए आती हैं। कुछ स्वर्गदूत हमारी रक्षा करते हैं और हमें उठा लेते हैं, ताकि हमारे पैरों को पत्थर से ठेस न लगे। परमेश्वर ने कितने स्वर्गदूतों को हमारी सेवा करने की आज्ञा दी है! पवित्रशास्त्र कहता है, “जो बातें आंख ने नहीं देखीं और कान ने नहीं सुनीं और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ीं, वे ही हैं जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिए तैयार की हैं। परंतु परमेश्वर ने उनको अपने आत्मा के द्वारा हम पर प्रकट किया” (1 कुरिन्थियों 2:9, 10)।
आज, बहुत से लोग शैतान से डरते हैं, लेकिन वे यह महसूस करने में असफल होते हैं कि हमारे परिवार में इतने महिमामयी स्वर्गदूतों की उपस्थिति कितनी सुखद है। वे हमेशा शैतान, दुष्ट आत्माएं, जादू और टोना-टोटका की बात करते हैं, लेकिन वे उन दिव्य स्वर्गदूतों के बारे में सोचने में विफल रहते हैं, जिन्हें परमेश्वर ने हमें उन सभी बुरी चीजों को मारने, तोड़ने और हराने के लिए दिया है।
जब शैतान को स्वर्ग से खदेड़ दिया गया, तो वह अकेला नहीं गिरा, बल्कि स्वर्ग के कुल स्वर्गदूतों के एक-तिहाई भाग को उसने पृथ्वी पर खींच लिया। दो तिहाई अभी बाकी हैं । इसलिए, यदि शैतान एक दुष्ट आत्मा को आप पर हमला करने के लिए भेजता है, तो परमेश्वर आप की सुरक्षा के लिए और शैतान को हराने के लिए उससे दोगुनी संख्या में और स्वर्गदूतों को भेजेंगे। इसलिए आप विजयी होते हैं।
चूंकि आप ईश्वरों के ईश्वर के अपने बच्चे हैं, इसलिए परमेश्वर ने आपको, आपकी सेवा करने वाली आत्माओं के रूप में मजबूत स्वर्गदूत दिए हैं। परमेश्वर ने स्वर्गदूतों को आज्ञा दी है, कि वे प्रत्येक विश्वासी की सेवा करने वाली आत्मा के रूप में सहायता करें। लेकिन, आप असंख्य स्वर्गदूतों की सेना के पास आए हैं।
एक बार एक राजा ने एलीशा से युद्ध किया और उस स्थान को घेर लिया जहां वह ठहरा था। एलीशा का सेवक डर गया और उसने कहा, “हाय, मेरे स्वामी! हम क्या करें?” क्या आप जानते हैं कि एलीशा ने क्या उत्तर दिया? “मत डर, क्योंकि जो हमारी ओर हैं, वह उन से अधिक हैं, जो उनकी ओर हैं” (2राजा 6:15, 16)।
ध्यान करने के लिए: “सेनाओं का यहोवा हमारे संग है ;याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है” (भजन 46:11)।