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जुलाई 27 – मूसा की सच्चाई!

“मूसा तो परमेश्वर के सारे घर में सेवक के समान विश्वासयोग्य रहा कि जिन बातों का वर्णन होने वाला था, उनकी गवाही दे” (इब्रानियों 3:5)।

मूसा के बारे में पवित्रशास्त्र द्वारा दी गई सुंदर गवाही को पढ़ें। मूसा परमेश्वर के घर और हर चीज में विश्वासयोग्य था। वह परमेश्वर और मनुष्यों के सामने भी विश्वासयोग्य था।

मूसा नाम का अर्थ “पानी से निकाला गया” है। मूसा के जन्म के समय कई बच्चों को नील नदी के पानी में डूबकर मरना पड़ा था। परन्तु परमेश्वर ने मूसा पर प्रेम दिखाया, और उसे जल में से उठाकर फिरौन के घराने में बड़ा किया। मूसा उस प्रेम को नहीं भूला और उस बात के लिए कृतज्ञ बना रहा।

पवित्रशास्त्र कहता है, “विश्वास ही से मूसा ने जब सयाना होकर फिरौन की बेटी का पुत्र कहलाने से इन्कार किया, इसलिए कि उसे पाप में थोड़े दिन के सुख भोगने से परमेश्वर के लोगों के साथ दु:ख भोगना अधिक उत्तम लगा। उसने मसीह के कारण निन्दित होने को मिस्र के भंडार से बड़ा धन समझा, क्योंकि उसकी आंखें फल पाने की ओर लगी थी” (इब्रानियों 11:24-26)।

यदि आप संपूर्ण शास्त्र को पढ़ेंगे, तो आपको परमेश्वर द्वारा मनुष्य को ऊंचा उठाने के रहस्य का पता चल जाएगा। यदि कोई थोड़े में विश्वासयोग्य है, तो परमेश्वर उसे बहुत सी बातों का अधिकारी बना देंगे। यदि कोई परमेश्वर द्वारा बहुत सी बातों का अधिकारी बनाए जाने के दौरान विश्वासयोग्य है, तो परमेश्वर उसे और अधिक उत्तरदायित्व और आश्वासन देकर उसे और ऊंचा उठाएंगे।

परमेश्वर ने, जब मूसा की विश्वासयोग्यता को देखा, उसे इस्त्राएल की पूरी संतानों को मिस्र से कनान की ओर  को ले जाने और अगुवाई करने की बड़ी जिम्मेदारी दी। इसी मूसा के माध्यम से, परमेश्वर ने इस्राएल की संतानों को व्यवस्था दी। परमेश्वर ने मूसा के द्वारा, मिस्र और जंगल दोनों ही स्थानो में बहुत से चमत्कार किए। यदि मूसा के जीवन को देखा जाए, तो परमेश्वर कई संदर्भों में उसके बारे में अच्छी गवाही दे रहे हैं,

तब परमेश्वर ने कहा,”मेरी बातें सुनो: यदि तुम में कोई नबी हो, तो उस पर मैं यहोवा दर्शन के द्वारा अपने आप को प्रकट करुंगा, या स्वप्न में उससे बातें करूंगा ।परंतु मेरा दास मूसा ऐसा नहीं है; वह तो मेरे सब घरानों में विश्वासयोग्य है। उस से मैं गुप्त रीति से नहीं, परंतु आमने-सामने और प्रत्यक्ष होकर बातें करता हूं ;और वह यहोवा का स्वरूप निहारने  पाता है” (गिनती 12:6-8)।

परमेश्वर के प्रिय बच्चों, यदि आप भी मूसा के समान विश्वासयोग्य बने रहेंगे, तो परमेश्वर आप से भी आमने-सामने बात करेंगे।

ध्यान करने के लिए:  “…. और जो बुलाए हुए और चुने हुए और विश्वासी हैं वे उसके साथ हैं ; वे भी जय पाएंगे” (प्रकाशितवाक्य 17:14)।

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