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जुलाई 23 – हम क्या करें?
” उन्होंने उस से कहा, परमेश्वर के कार्य करने के लिए हम क्या करें?” (यूहन्ना 6:28)।
यह पवित्रशास्त्र में एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। इतना ही नहीं ,प्रत्येक व्यक्ति द्वारा स्वयं से पूछा जाने वाला भी यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। हमें परमेश्वर के कार्यों को पूरा करने के लिए क्या करना है? चमत्कार और अद्भुत कार्य करने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
लोगों ने यीशु को पाँच रोटियों और दो मछलियों से पाँच हज़ार लोगों को खिलाते देखा। वे ऐसे चमत्कार करना चाहते थे। उन्होंने महसूस किया कि यदि उनके जीवन को उपयोगी बने रहना है तो उनके पास अद्भुत कार्य करने की सामर्थ्य होनी चाहिए। इस कारण उन्होंने पूछा, “परमेश्वर के कार्य करने के लिए हम क्या करें?”
यीशु मसीह के जीवन के बारे में पूरी तरह से पढ़ें। पृथ्वी पर रहने के दिनों के दौरान, उन्होंने अद्भुत कार्य करके साबित किया कि वह प्रभु के बेटे हैं। वह केवल एक मनोवैज्ञानिक के रूप में नहीं आये थे। आश्चर्यकर्म और सामर्थ्य के कार्यों के माध्यम से, उन्होंने जो कहा वह साबित भी किया। पवित्रशास्त्र कहता है, “तब जो आश्चर्य कर्म उसने कर दिखाया उसे वे लोग देखकर कहने लगे, वह भविष्यवक्ता जो जगत में आने वाला था निश्चय यही है” (यूहन्ना 6:14)।
यीशु मसीह भी चाहते हैं कि आप ,जो उसकी संतान हैं, उन आश्चर्यकर्मों को करें जो उन्होंने किए। यीशु ने कहा, “…जो मुझ पर विश्वास रखता है, ये काम जो मैं करता हूं वह भी करेगा” (यूहन्ना 14:12)। क्या आपका हृदय परमेश्वर के लिए महान कार्य करने के लिए तरसता है? क्या आपका दिल वह सब करने के लिए तरसता है जो उन्होंने किये? क्या आप पूछते हैं कि परमेश्वर के कार्यों को करने के लिए हमें क्या करना होगा? उस स्थिति में, जो आपको करना है वह है, पवित्र आत्मा और सामर्थ से परिपूर्ण होने के लिए आगे बढ़ना है।
अब आप संसार के अन्तिम दिनों में आ गये हैं। दुनिया में ज्यादातर लोग नहीं जान सके हैं कि यीशु मसीह कौन हैं। उन्होंने उनकी सामर्थ्य को नहीं देखा है। सुन्दर और भव्य संदेश देने से उतना फायदा नहीं है। अद्भुत कार्यों के द्वारा आपके वचन को दृढ़ करना होगा। तभी, अन्यजाति यीशु को परमेश्वर के रूप में स्वीकार करेंगे और उन्हें नमन करेंगे।
यीशुमसीह ने आश्चर्यकर्म कर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। उन्होंने लोगों के बीच व्यावहारिक रूप से प्रभु की सामर्थ्य को प्रकट किया। उन्होंने अद्भुतकार्यों और चिन्हों के माध्यम से साबित किया कि वह प्रभु के बेटे हैं। इतना ही नहीं। उन्होंने हमें उन आश्चर्यकर्मों को करने में सक्षम बनाने की प्रतिज्ञाएं की हैं। परमेश्वर के प्रिय बच्चों, क्या आप उठेंगे और परमेश्वर के लिए प्रकाशमान होंगे? क्या क्या आप साबित करेंगे कि प्रभु जीवित हैं?
ध्यान करने के लिए: “तब एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली, क्योंकि जो आश्चर्यकर्म वह बीमारों पर दिखाता था वे उनको देखते थे” (यूहन्ना 6:2)।