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जून 26 – स्वादहीन नमक
“तुम पृथ्वी के नमक हो; परन्तु यदि नaमक का स्वाद बिगड़ जाए, तो वह फिर किस वस्तु से नमकीन किया जाएगा? फिर वह किसी काम का नहीं, केवल इस के कि बाहर फेंका जाए और मनुष्यों के पैरों तले रौंदा जाए.” (मत्ती 5:13)
बाइबल में नमक का पहला उल्लेख उत्पत्ति 14:3 में है, जहाँ हम नमक सागर के बारे में पढ़ते हैं—जिसे आमतौर पर मृत सागर के रूप में जाना जाता है. दूसरा संदर्भ उत्पत्ति 19:26 में है, जहाँ लूत की पत्नी ने पीछे देखा और नमक का खंभा बन गई. तीसरा लैव्यव्यवस्था 2:13 में है, जहाँ नमक को पवित्र, स्वादिष्ट और आशीर्वाद का संकेत बताया गया है, जिसे प्रभु ने स्वीकार किया है.
प्रभु ने कहा, “फिर अपने सब अन्नबलियों को नमकीन बनाना; और अपना कोई अन्नबलि अपने परमेश्वर के साथ बन्धी हुई वाचा के नमक से रहित होने न देना; अपने सब चढ़ावों के साथ नमक भी चढ़ाना॥” (लैव्यव्यवस्था 2:13)
परमेश्वर की उपस्थिति में, नमक पवित्रता का प्रतीक बन जाता है. इसकी सफेदी शुद्धता का प्रतिनिधित्व करती है. समुद्र का पानी धूप में सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है, जिससे शुद्ध नमक बनता है. इसी तरह, जब हम परमेश्वर के लिए अलग रखे जाते हैं, तो धार्मिकता का सूर्य – यीशु – हम पर चमकता है और हमें पवित्र बनाता है.
रोमियों ने नमक को पवित्र माना. यहूदियों के लिए, यह बलिदान का एक अनिवार्य हिस्सा था. क्या आप अपने आप को – अपने शरीर को – जीवित बलिदान के रूप में, पवित्र और परमेश्वर को स्वीकार्य रूप से अर्पित करेंगे? (रोमियों 12:1)
नमक का एक प्रमुख गुण यह है कि यह संरक्षित करता है. मृत शरीर को सड़ने से बचाने के लिए, लोग बर्फ और नमक का उपयोग करते हैं. नमक अचार जैसी चीजों को संरक्षित करने, बैक्टीरिया को दूर रखने और खराब होने से बचाने में मदद करता है.
परमेश्वर आपको अपने परिवार और अपने राष्ट्र में ऐसी ही एक संरक्षक उपस्थिति बनने के लिए बुलाता है. उसने कहा, “मैंने तुम्हें इस्राएल के घराने के लिए एक पहरेदार बनाया है” (यहेजकेल 3:17). परमेश्वर के पास आपके जीवन के लिए एक उद्देश्य और एक योजना है. और वह क्या है? कि आप अपने राष्ट्र के लोगों को संरक्षित और सुरक्षित रख सकें.
नमक का एक और उद्देश्य शुद्धिकरण है. उदाहरण के लिए, जब नारियल के पेड़ों पर कीट लग जाते हैं और वे फल नहीं दे पाते, तो लोग तने के अंदर नमक डाल देते हैं. नमक पेड़ को शुद्ध करता है और कीड़ों को नष्ट कर देता है. इसी तरह, अगर हमें परमेश्वर के लिए फल देना है, तो हमें शुद्धिकरण से गुजरना होगा.
जब यरीहो के लोग खराब पानी की शिकायत लेकर एलीशा के पास आए, तो उसने एक नए कटोरे में नमक लिया, उसे पानी में डाला, और उसे फिर से शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक बना दिया (2 राजा 2:19-22).
परमेस्वर के प्रिय लोगो, उपयोगी नमक बनो—जहाँ भी परमेश्वर तुम्हें रखे, वहाँ संरक्षण, शुद्धिकरण और परिवर्तन लाओ.
मनन के लिए: “जैसे मैं संसार का नहीं, वैसे ही वे भी संसार के नहीं. सत्य के द्वारा उन्हें पवित्र कर: तेरा वचन सत्य है.” (यूहन्ना 17:16-17)