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ਜਨਵਰੀ 27 – प्रेम में बने रहे।

“और जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, उस को हम जान गए, और हमें उस की प्रतीति है; परमेश्वर प्रेम है: जो प्रेम में बना रहता है, वह परमेश्वर में बना रहता है; और परमेश्वर उस में बना रहता है.” (1 यूहन्ना 4:16)

प्रेम वह पुल है जो हमें प्रभु से जोड़ता है. परमेश्वर ने हमें अपने असीम प्रेम से प्रेम किया और हमारी खोज में आया. वह हर दिन अपना प्रेम प्रकट करता है. और वह हमसे अपेक्षा करता है कि हम उससे प्रेम करें और उसके प्रेम में बने रहें.

*हम सभी जानते हैं कि परमेश्वर प्रेम है. हमने परमेश्वर के प्रेम के बारे में कई उपदेश सुने हैं. लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि वह हमारे प्रेम के लिए तरसता है. जिस तरह हम उसके प्रेम के लिए तरसते हैं, उसी तरह प्रभु भी हमारे प्रेम के लिए तरसता है.

इसलिए जब उसने दस आज्ञाएँ दीं, तो उसकी सबसे बड़ी आज्ञा थी, “तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, अपने सारे प्राण और अपनी सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना.” (व्यवस्थाविवरण 6:5)*

जब इफिसुस में कलीसिया ने परमेश्वर के प्रति अपना प्रेम खोना शुरू किया, तो वह इसे सहन नहीं कर सका. उसने दुखी मन से कहा, “फिर भी मुझे तेरे विरुद्ध यह कहना है कि तूने अपना पहला सा प्रेम छोड़ दिया है.” (प्रकाशितवाक्य 2:4)

वह पतरस, एक साधारण व्यक्ति के पास आया, और उससे बार-बार पूछा, “पतरस, क्या तू मुझसे प्रेम करता है?” इस प्रश्न ने पतरस का हृदय तोड़ दिया. और पतरस ने उत्तर दिया और कहा, “प्रभु, आप जानते हैं कि मैं आपसे प्रेम करता हूँ”.

कुछ लोग अपने उद्धार के आरंभिक दिनों में प्रभु से बहुत प्रेम करेंगे और अधिक बार प्रार्थना करेंगे. वे प्रभु के चरणों में भाग लेने में बहुत प्रसन्न होंगे. वे उत्साहपूर्वक कलिसिया  की सेवाओं में भाग लेंगे और अपनी गवाही साझा करेंगे. लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, वे उस प्रेम में नहीं रहेंगे और प्रभु के साथ अपने रिश्ते में गुनगुनाहट होती जाएगी. लेकिन प्रभु हमारे प्रति अपने प्रेम से कभी पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने अपने लोगों से अंत तक प्रेम किया. वह चाहते हैं कि हम भी उसी तरह उनके प्रेम में बने रहें.

प्रेरित पौलुस ने प्रभु के प्रेम की गहराई पर मनन किया. उसने इस बात पर मनन किया कि कैसे परमेश्वर हमें एक पिता, एक माता, एक भाई, एक शिक्षक, एक मित्र और हमारी आत्मा के प्रेमी के रूप में प्यार करता है. वह यह देखकर सहन नहीं कर सका कि हमारे लिए परमेश्वर का प्रेम कलवरी के क्रूस पर खून में बह रहा था. इसीलिए पौलुस कहता है, “मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूं, और अब मैं जीवित न रहा, पर मसीह मुझ में जीवित है: और मैं शरीर में अब जो जीवित हूं तो केवल उस विश्वास से जीवित हूं, जो परमेश्वर के पुत्र पर है, जिस ने मुझ से प्रेम किया, और मेरे लिये अपने आप को दे दिया.” (गलातियों 2:20).

परमेश्वर के प्रिय लोगो, प्रभु का प्रेम आपके प्रेम को चाहता है. उसके प्रेम की गहराई आपको पुकारती है.

मनन के लिए: “परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उस ने हम से प्रेम किया. जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है.)” (इफिसियों 2:4-5)

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