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दिसंबर 29 – तीसरी भेट: लोहबान।

“और जब वे घर में आए, तो उस बालक को उस की माता मरियम के साथ देखा, और गिरकर उसे दण्डवत् किया. और उन्होंने अपने थैला खोलकर उसे सोना, लोबान, और गन्धरस की भेंट चढ़ाई.” (मत्ती 2:11)

लोहबान मसीह यीशु को बुद्धिमान लोगों की तीसरी भेंट है. लोहबान प्रभु की पीड़ा और मृत्यु का प्रतीक है.

प्रभु के जन्म के समय बुद्धिमान लोग लोहबान लाए थे; और नीकुदेमुस इसे प्रभु की मृत्यु के समय लाया. देखिये, जो मरने के लिए ही पैदा हुआ था, उन्होंने उसका उपहार कितनी सावधानी से चुना है.

लोहबान मूल रूप से एक विशेष प्रकार के पेड़ की राल है. जब पेड़ को तेज चाकू से दागा जाएगा तो यह राल स्रावित होगा. जैसे रबड़ निकलता है, जब रबड़ के पेड़ को चाकू से छीला जाता है, तो उससे निकलने वाला द्रव बाद में रबर का रूप लेता है. ठीक उसी प्रकार से तो लोहबान के पेड़ से लोहबान निकल आएगा, जब उसे खोदा या छीला जाएगा. पीले रंग का यह रेज़िन एक मीठी सुगंध देता है.

प्रभु यीशु कलवारी के क्रूस पर लोहबान के समान थे. उसे मरा गया और कुचल दिया गया; उस पर थूका गया; और काँटों का ताज पहनाया गया. उसे कीलों से छेदा गया; और पैरो से कुचला गया. लेकिन इन सबसे उनके दिव्य चरित्र की मधुर सुगंध ही सामने आई. उन्होंने केवल यही कहा और प्रार्थना की, “हे पिता, इन्हें क्षमा कर देना”. हाँ, प्रभु यीशु वास्तव में लोहबान हैं.

दाऊद ने प्रभु की ओर देखकर कहा, “तू धर्म से प्रेम रखता है, और दुष्टता से घृणा करता है; इस कारण परमेश्वर ने, तेरे परमेश्वर ने, तेरे साथियों से भी अधिक आनन्द के तेल से तेरा अभिषेक किया है” (भजन संहिता 45:7).

लोहबान गहन प्रार्थना जीवन का प्रतीक है. हन्ना अपने पुत्र के लिए प्रभु के पवित्र स्थान की ओर भागी; और अपने हृदय की कड़वाहट को अश्रुपूरित प्रार्थनाओं के साथ उँडेल दिया. लोहबान उस प्रकार की प्रार्थना और विनती है.

लोहबान को प्रभु को एक भेंट के रूप में दिया गया था, यह भविष्यवाणी करने के लिए कि वह एक शक्तिशाली प्रार्थना योद्धा के रूप में उभरेंगे. यदि आप ऐसे प्रार्थना जीवन का पालन करते हैं, तो वह सबसे अच्छी भेंट होगी जो आप प्रभु को दे सकते हैं.

हो सकता है आपके पास सोना, मूर या लोहबान न हो. परन्तु वह चढ़ाओ जो सोने से भी अधिक कीमती है, जो हमारे विश्वास की सच्चाई है (1 पतरस 1:7). यीशु का नाम अपने ऊपर धारण करे, जो सोने चाँदी से भी बड़ा है (प्रेरितों 3:6).

आत्माओं को जीते और उन्हें प्रभु को भेंट के रूप में दे दो. प्रभु की सेवकाई को अपनाए, जो लोबान के समान है. प्रभु यीशु के साथ अंतराल में खड़े हो जाएं, और नष्ट हो रही दुनिया के लिए प्रार्थना करे. आपकी मध्यस्थता प्रार्थना सर्वोत्तम भेंट है जो आप प्रभु को दे सकते हैं.

मनन के लिए: “उस ने अपनी देह में रहने के दिनों में ऊंचे शब्द से पुकार पुकार कर, और आंसू बहा बहा कर उस से जो उस को मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थनाएं और बिनती की और भक्ति के कारण उस की सुनी गई. और उसे परमेश्वर की ओर से मलिकिसिदक की रीति पर महायाजक का पद मिला॥ (इब्रानियों 5:7, 10).

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