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सितंबर 03 –पर शांति!
“आकाश में ईश्वर की महिमा, और पृथ्वी पर उन मनुस्यों मे जिनसे वह प्रशन्न है शांति हो!” (लूका 2:14)
पृथ्वी पर शान्ति पाना केवल मनुष्यों की ही नहीं, वरन परमेश्वर के दूतों की भी इच्छा है। यीशु मसीह के जन्म के समय, स्वर्गदूत चरवाहों के सामने आकाश में प्रकट हुए, और ‘पृथ्वी पर शांति’ के शुभ समाचार की घोषणा की।
आइए आज हम ‘पृथ्वी पर शांति’ के बारे में संक्षेप में ध्यान करें। पवित्र शास्त्र कहता है, “तब भेडिय़ा भेड़ के बच्चे के संग रहा करेगा, और चीता बकरी के बच्चे के साथ बैठा रहेगा, और बछड़ा और जवान सिंह और पाला पोसा हुआ बैल तीनों इकट्ठे रहेंगे, और एक छोटा लड़का उनकी अगुवाई करेगा। गाय और रीछनी मिलकर चरेंगी, और उनके बच्चे इकट्ठे बैठेंगे; और सिंह बैल की नाईं भूसा खाया करेगा।दूधपिउवा बच्चा करैत के बिल पर खेलेगा, और दूध छुड़ाया हुआ लड़का नाग के बिल में हाथ डालेगा। (यशा 11:6-8) क्या ऐसी बातों की कल्पना करने से भी हमारा हृदय हर्ष से नहीं भरता? ऐसी चीजों को देखना बहुत ही अद्भुत और आनंददायक होगा।
एक बार एक शांतिप्रिय राष्ट्र था और दूसरा देश युद्ध में उसके विरुद्ध आ गया। सेना के सेनापति को उस देश के सभी नागरिकों को मारने और शहर को आग लगाने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। लेकिन जब सैनिक शहर में आए, तो शहर के निवासियों ने उन सभी का गर्मजोशी से स्वागत किया।
हाथों में फूलों का गुलदस्ता और चेहरे पर मुस्कान लिए छोटे-छोटे बच्चे सेना के जवानों का स्वागत कर रहे थे। महिलाओं ने अपने घरों के ऊपर से प्यार से हाथ हिलाकर अभिवादन किया। और नगर के पुरूष कोमल मुस्कान के साथ अपना काम करते चले गए। जब सैनिकों ने यह देखा तो वे अपने मिशन और अपने निर्देशों के बारे में भूल गए। इसके बजाय, वे छोटे बच्चों को ऊपर उठा लिया और गले लगा कर उन्हें चूमने शुरू कर दिया। उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि वे ऐसे प्यार करने वाले लोगों से भरे शहर के खिलाफ कभी नहीं लड़ेंगे। उस संकल्प के साथ, उन्होंने युद्ध के अपने सभी हथियारों को फेंक दिया और शांति से अपने देश वापस चले गए।
हमारे प्रभु यीशु अपने प्रेम को प्रकट करने के लिए पृथ्वी पर आए। उसने अपना दूसरा गाल उन लोगों को दिखाया जिन्होंने उसके एक गाल पर मारा था। वह अपने शत्रुओं के प्रति भी अपना अलौकिक प्रेम दिखाने के लिए नीचे आया। उसका प्यार, धरती पर शांति लाया। एक बार जब आप शांति के राजकुमार को अपना दिल दे देंगे, तो आप अपने दिल में पूर्ण शांति का अनुभव करेंगे जो शांति की एक येसी लहर होगी जो आपके परिवार में शांति, आपके राष्ट्र में शांति और अंततः पूरी पृथ्वी पर शांति को लेकर आएगी।
परमेस्वर के प्यारे बच्चों, कृपया पृथ्वी पर शांति के लिए प्रार्थना करें। और शांति के राजकुमार, यीशु मसीह को दूसरों से मिलवाएं। और तब हम सब पवित्रशास्त्र की प्रतिज्ञा के अनुसार आशीष पायेगे, जो कहता है, ‘धन्य हैं वे, जो मेल करानेवाले हैं’।
मनन की लिए वचन: “हमारे पिता परमेस्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शांति मिलती रहे” (इफि 1:2)