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अगस्त 20 – हनोक जिसने परमेश्वर को प्रसन्न किया!

“… क्योंकि परमेश्वर ने उसे उठा लिया था और उसके उठाए जाने से पहिले उसकी यह गवाही दी गई थी, कि उसने परमेश्वर को प्रसन्न किया है” (इब्रानियों 11:5)।

हनोक ने परमेश्वर को प्रसन्न करना ही, अपने जीवन का लक्ष्य चुना। इस हेतु उसके अंदर में ये प्रश्न थे। “परमेश्वर को खुश करने के लिए मुझे क्या करना चाहिए? मैं परमेश्वर को कैसे खुश कर सकता हूँ? मुझे कैसे जीना चाहिए ताकि मेरा जीवन परमेश्वर को प्रसन्न करे?”

विश्वास वह मार्ग था जिसका अनुसरण हनोक ने परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए किया। इसलिए उक्त वचन में “विश्‍वास ही से हनोक” एसा लिखा गया है (इब्रानियों 11:5)। एक दिन हनोक ने विश्वास के साथ परमेश्वर का हाथ थाम लिया। यही वह परमेश्वर हैं, जो हमारे विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले हैं (इब्रानियों 12:2)। इसलिए हनोक के भीतर एक मजबूत विश्वास पैदा हुआ, जिसने विश्वास के साथ परमेश्वर का हाथ थाम रखा था। “यह परमेश्वर हमेशा और हमेशा के लिए मेरे परमेश्वर हैं। वह मुझे,मेरी मृत्यु देखने से पहले ही उठा लेंगे” यह उसका विश्वास था।

यह हनोक का विश्वास ही था, जो उसकी उन्नति का कारण बना रहा। पवित्रशास्त्र कहता है,  “वह विजय जिस से संसार पर जय प्राप्त होती है हमारा विश्वास है (1 यूहन्ना 5:4)। ” विश्वास से धर्मी जन जीवित रहेगा” (रोमियों 1:17)। यह विश्वास ही है जो एक व्यक्ति को उद्धार की ओर ले जाता है (मत्ती 9:22, 10:22)।

हनोक अपने विश्वास के कारण परमेश्वर के साथ रहा। यह आशा रखना कि ‘परमेश्वर जिन्होंने ब्रह्मांड का निर्माण किया है, एक सामान्य मनुष्य के साथ चलेंगे और वह मनुष्यों के बीच वास करेंगे’ अपने आप में एक महान विश्वास है। क्या ऐसा नहीं है? इसी तरह से परमेश्वर के साथ रहने वाले हनोक ने उसी के द्वारा परमेश्वर का प्रेम और अनुग्रह प्राप्त किया।

जैसे-जैसे वह परमेश्वर के साथ-साथ चलता गया, उसके अंदर का विश्वास और भी बढ़ता गया। परमेश्वर से आमने-सामने मिलना और उनसे बात करना किसी के लिए कितना शानदार अनुभव है! उसी विश्वास के कारण, हनोक परमेश्वर को प्रसन्न करने वाला पाया गया और आगे, वह उठा लिया गया ताकि वह मृत्यु को न देखे।

यदि आप परमेश्वर में पूर्ण विश्वास रखते हैं, तो आप निश्चित रूप से परमेश्वर को प्रसन्न करने वाले होंगे। परमेश्वर भी आपकी गवाही देंगे। “वह तो मेरे सब घरानों में विश्वासयोग्य है” (गिनती 12:7) यह मूसा के बारे में परमेश्वर की गवाही थी, दाऊद के बारे में कहते हैं, “मेरे मन के अनुसार एक मनुष्य मिल गया है” (प्रेरितों के काम 13:22) , नतनएल के बारे में”देखो यह सचमुच इस्त्राएली है इसमें कपट नहीं।” (यूहन्ना 1:47)  और अय्यूब के बारे में कहते हैं ” उसके तुल्य खरा और सीधा और मेरा भय मानने वाला और बुराई से दूर रहने वाला मनुष्य और कोई नहीं है ” (अय्यूब 1:8)।

परमेश्वर के प्यारे बच्चों, परमेश्वर को आपके बारे में भी उसी तरह गवाही देनी चाहिए। क्या ऐसा नहीं है?

ध्यान करने के लिए: “मेरे दास को देखो जिसे मैं संभाले हूं मेरे चुने हुए को जिससे मेरा जी प्रसन्न है, मैंने उस पर अपना आत्मा रखा है वह जाति जाति के लिए न्याय प्रकट करेगा” (यशायाह 42:1)।

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