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जून 21 – हाथ जो शुद्ध करता हैं!

“तब उसने रस्सियों का कोड़ा बनाया, और सब भेड़ोंऔर बैलों समेत उनको मन्दिर से निकाल दिया, और सर्राफों के पैसे बिखेर दिए, और मेज़ों को उलट दिया. और उसने कबूतर बेचने वालों से कहा, “इन्हें ले जाओ! मेरे पिता के भवन को व्यापार का घर मत बनाओ!” (यूहन्ना 2:15-16).

हमें प्रभु के हाथों को केवल प्रेमपूर्ण और करुणामय हाथों के रूप में नहीं सोचना चाहिए. वही हाथ चाबुक उठाएंगे, जब वह अभिमान और पाप देखेंगे. उसके हाथ भी दण्ड के हाथ होंगे; और अनुशासित करने के भी. ये वे हाथ थे जिन्होंने उस दिन यहोवा के मन्दिर को शुद्ध किया था.

पवित्रशास्त्र के विद्वानों के अनुसार, हम मन्दिर की सफाई को दो उदाहरणों में पढ़ते हैं जब हमारे प्रभु ने परमेश्वर के मंदिर को शुद्ध किया. वह पहले फसह के समय शुद्ध हुआ, जब वह यरूशलेम के मन्दिर में प्रचार करने गया. और दूसरा उदाहरण, अंतिम फसह के पर्व पर था. (यूहन्ना 2:13, मरकुस 11:15, मत्ती 21:12-13, लूका 19:45-46).

दोनों अवसरों पर उसने सर्राफों की मेजें उलट दीं; उनकी कुर्सियों को पलट दिया. उनके हाथ में चाबुक ने तेजी से कार्रवाई की और उन सभी को मन्दिर से बाहर निकाल दिया, उसने सभी भेड़ों, बैलों और कबूतरों को भी खदेड़ दिया.

यहोवा परमेश्वर के मन्दिर के प्रति उत्साही था. वह यह बर्दाश्त नहीं कर सकता था कि मंदिर व्यापार का घर या चोरों का अड्डा बन जाए. हाँ, वह अपने दरबारों में पवित्रता की अपेक्षा करता है. उसका मंदिर केवल प्रार्थना का घर होना चाहिए न कि व्यापार का घर. पवित्रशास्त्र हमें सशक्त रूप से यह भी पूछता है, “क्या तुम नहीं जानते कि तुम परमेश्वर का मन्दिर हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है?” (1 कुरिन्थियों 3:16).

अपने शरीर को कभी अशुद्ध न होने देना और उसे चोरों का अड्डा न बना देना. पापपूर्ण संबंधों, गलत प्रकार के प्रेम और वासनाओं को अपने ऊपर शासन करने के लिए कभी स्थान न दें. चूंकि आप परमेश्वर के मंदिर हैं, वह उम्मीद करता है कि यह पवित्र होगा; और वह इसे लेकर बहुत उत्साहित हैं.

यहोवा कड़ी चेतावनी के साथ यह भी कहता है: “यदि कोई परमेश्वर के मन्दिर को अशुद्ध करे, तो परमेश्वर उसे नाश करेगा; क्योंकि परमेश्वर का मन्दिर पवित्र है, तुम वही मन्दिर हो” (1 कुरिन्थियों 3:17). यदि आपका मन्दिर अशुद्ध है, तो यहोवा अपना चाबुक उठाएगा, क्योंकि उसके हाथ ताड़ना करने वाले हैं.

परमेश्वर के लोगो, जब परमेश्वर चाबुक लेते हैं, तब भी इससे लाभ होता है. क्योंकि, आपका मन-मंदिर, शुद्ध हो जाएगा; और आपका जीवन रूपांतरित हो जाएगा. उसके द्वारा, वह पवित्रता जिसकी परमेश्वर अपेक्षा करता है आपके भीतर लाई जाएगी, और वह आपके भीतर खुशी से वास करेगा.

मनन के लिए वचन: “हे मेरे पुत्र, प्रभु की ताड़ना को तुच्छ न जान, और जब वह तुझे घुड़के तो हियाव न छोड़” (इब्रानियों 12:5).

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