Appam, Appam - Hindi

जुलाई 04 – भेंट की रोटी।

“और मेज़ पर मेरे आगे भेंट की रोटियां नित्य रखा करना॥ (निर्गमन 25:30)

हमें न केवल परमेश्वर की उपस्थिति की तलाश करनी चाहिए, बल्कि उसकी उपस्थिति के आनंद से भी भर जाना चाहिए. उससे भी बढ़कर, परमेश्वर की उपस्थिति में रोटी हमारी आध्यात्मिक खुराक बननी चाहिए. जिस तरह हमारे शरीर को भोजन की ज़रूरत होती है, उसी तरह हमारी आत्मा को भी प्रभु के वचन की बहुत ज़रूरत होती है.

पुराने नियम में, प्रभु ने भेंट की रोटी के बारे में विस्तृत निर्देश दिए थे. इन रोटियों को तम्बू के पवित्र स्थान में पवित्र मेज़ पर लगातार रखा जाता था. आप इस रोटी से संबंधित नियमों के बारे में लैव्यव्यवस्था 24:5–9 में पढ़ सकते हैं.

सभी इस्राएलियों को, परमेश्वर ने प्रतिदिन मन्ना दिया—जो उनकी ज़रूरतों के लिए पर्याप्त से ज़्यादा था. लेकिन भेंट की रोटी केवल उन लोगों के लिए आरक्षित थी जो उसके पवित्रस्थान में आने के लिए तत्पर थे. हालाँकि उसका वचन – बाइबल – सभी के पढ़ने के लिए उपलब्ध है, लेकिन इसके गहरे प्रकाशन और छिपे हुए खजाने केवल उन लोगों के लिए ही प्रकट होते हैं जो ईमानदारी से उसकी उपस्थिति की तलाश करते हैं और उसकी पवित्रता में रहते हैं. यही उसकी उपस्थिति की रोटी है.

जो लोग उसकी उपस्थिति से प्रेम करते हैं, उनके लिए वह पवित्रशास्त्र के गहरे सत्य, स्वर्ग के रहस्य और अनुग्रह के गहन सिद्धांतों को प्रकट करता है. लेकिन जो लोग उसकी उपस्थिति के प्रति उदासीन हैं, वे ऐसा प्रकाशन प्राप्त नहीं कर सकते.

पुराने नियम में, केवल याजक ही भेंट की रोटी खा सकते थे, और वे ऐसा प्रभु की उपस्थिति में करते थे. नए नियम में, परमेश्वर ने हमें अपने लिए याजक बनाया है (प्रकाशितवाक्य 1:6).

यदि हम इस रोटी के बिना रहते हैं, तो हमारा आंतरिक मनुष्य कमजोर हो जाता है, हम अपनी आध्यात्मिक शक्ति खो देते हैं, और हम दुश्मन के हमलों का सामना करने में असमर्थ होते हैं. परीक्षण, प्रलोभन या दुख आने से पहले, हमें उसकी उपस्थिति के पास जाना और उसके वचन में पाए गए वादों पर भोजन करना सीखना चाहिए. प्रभु ने हमारे लिए पहले से ही बारह रोटियाँ रखी हैं! ये बारह रोटियाँ प्रेरितिक शिक्षाओं का प्रतीक हैं. जैसे यीशु के बारह शिष्य थे, जिनके माध्यम से उसने व्यक्तियों के लिए और कलिसिया के विकास के लिए जीवनदायी सिद्धांत दिए, अब वह हमें भी वही पोषण प्रदान करता है.

बहुत से विश्वासी छोटी-छोटी परीक्षाओं में भी हार जाते हैं, क्योंकि उन्होंने उसकी भेंट की रोटी को पर्याप्त रूप से नहीं खाया है. उनके भीतर के मनुष्य में शक्ति की कमी है.

परमेस्वर के प्रिय लोगो, केवल उसकी उपस्थिति की तलाश करने तक ही सीमित न रहें. आगे बढ़ें—उसकी भेंट की रोटी में पाए जाने वाले वचन की रोटी की लालसा करें. उत्सुकता से उसको ग्रहण करें.

मनन के लिए: “जब तेरे वचन मेरे पास पहुंचे, तब मैं ने उन्हें मानो खा लिया, और तेरे वचन मेरे मन के हर्ष और आनन्द का कारण हुए; क्योंकि, हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, मैं तेरा कहलाता हूँ.” (यिर्मयाह 15:16)

Leave A Comment

Your Comment
All comments are held for moderation.

Login

Register

terms & conditions