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अप्रैल 13 – अपराध क्षमा करनेवाला!
“यहोवा धीरजवन्त और अति करुणामय है, वह अधर्म और अपराध का क्षमा करनेवाला है” (गिनती 14:18).
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हॉलैंड के एक परिवार ने कुछ यहूदियों को शरण दी और उनकी रक्षा की. जब हिटलर की सेना को इसका पता चला तो वे उस घर में घुस गए और उस परिवार के मुखिया को मार डाला. उन्होंने उस परिवार की दो युवतियों को भी गिरफ्तार किया.
उन दो बहनों में से एक कोरी टेन बूम थी. जब वे बन्दीगृह में थे, तब एक अधिकारी ने उनके साथ शर्मनाक व्यवहार किया; उन्हें क्रूर सर्दी में बाहर जाने के लिए मजबूर किया; और अपनी सारी शक्ति से उन्हें दिन-रात सताया करता था. नतीजा यह हुआ कि कोरी की बहन जेल में ही चल बसी. कई सालों बाद कोरी टेन बूम रिलीज़ हुई. उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका का नागरिक बनने के लिए आमंत्रित किया गया था. वह संयुक्त राज्य में चली गई और एक इंजीलवादी बन गई. एक बार वह मंत्रालय के लिए जर्मनी गई. सभा में प्रचार करते हुए उसने उस क्रूर जेल अधिकारी को सभा में देखा. जिस क्षण उसने उसे देखा, उसमें से कड़वाहट नदी की तरह बह निकली; और उसके बाद वह प्रभावी ढंग से प्रचार नहीं कर सकी.
बैठक के अंत में, उसने उन लोगों को बुलाया जो यीशु मसीह को अपने प्रभु और उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करेंगे. और उसके आश्चर्य के लिए, उसने उस जेल अधिकारी को प्रभु को स्वीकार करते हुए और उसकी आँखों में आँसू के साथ आगे आते देखा. उसने कोरी को नहीं पहचाना. और अंत में, वह कोरी से हाथ मिलाना चाहता था; लेकिन वह ऐसा नहीं करना चाहती थी. तो, वह दूर हो गई और बाहर चली गई.
बैठक के दूसरे दिन भी वह अधिकारी वहीं था. उसे देखते ही वह फिर कड़वाहट से भर गई. लेकिन पवित्र आत्मा ने उसके साथ हस्तक्षेप किया और कोमल स्वर में उससे कहा: “बेटी, कड़वाहट दूर करो और अपने आप को कलवारी प्रेम से भर लो. जिसने तुझे सताया, उस पर अपना प्रेम उसे दिखा; और उसके साथ मधुरता से बात करो.
उसे ऐसा करना वाकई मुश्किल लगा. लेकिन जब उसने उस व्यक्ति को अपना हाथ दिया और कहा, “भाई, मैंने तुम्हें माफ़ कर दिया”, तो वह आँसू बहाने लगा. परमेश्वर का प्रेम उसके हृदय में नदी के समान उतर आया; और उसकी आत्मा में बड़ा प्रकाश और छुटकारा था.
परमेश्वर की सन्तान, तुम्हें कटुता और क्षमा न करने वाले व्यवहार के कारागार में नहीं बँधना चाहिए. आपको इन गुणों से अवश्य ही बाहर आना चाहिए. माफ कर देना चाहिए, चाहे जो भी अन्याय हुआ हो. आपको इसके बारे में फिर कभी न सोचने का संकल्प लेना चाहिए. और आप प्रभु की मधुर उपस्थिति का स्वाद चखेंगे और आनंद लेंगे.
मनन के लिए वचन: “क्योंकि मैं उनके अधर्म पर दया करूंगा, और उनके पापों और अधर्म के कामों को फिर स्मरण न करूंगा” (इब्रानियों 8:12)