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ਜਨਵਰੀ 31 – शांति जो खो गई थी।
“तेरा सूर्य फिर कभी अस्त न होगा और न तेरे चन्द्रमा की ज्योति मलिन होगी; क्योंकि यहोवा तेरी सदैव की ज्योति होगा और तरे विलाप के दिन समाप्त हो जाएंगे.” (यशायाह 60:20).
आपके शोक के दिन हमेशा के लिए नहीं रहेंगे. प्रभु आपके शोक को समाप्त कर रहे हैं. और वह आपको अपने प्रेम में हिम्मत देता है. क्योंकि यदि वह आपको चोट भी पहुंचाता है, तो व्ही आपको चंगा भी करता है, और आपको संभालता भी है. वह आपको एक माँ की तरह सांत्वना देता है. वह आपको एक पिता की तरह अपने कंधों पर उठाता है. और वही आपके शोक के दिनों को समाप्त कर सकता है.
हर रात से परे एक सुबह होती है; हर विफलता के परे एक जीत होती है; हर एक आँसू की घाटी के पार ताज़गी देनेवाले जल का एक सोता है; और हर मारा के पार एक एलीम है. निश्चय ही आपके दुःख और मातम से परे एक सांत्वना और आनन्द है.
छात्र अपनी परीक्षाओं के लिए बहुत कठिन अध्ययन करते हैं; और परीक्षा ख़त्म होने पर छुट्टियाँ होती हैं, और उन्हें अगले स्तर पर पदोन्नत भी किया जाता है. इन सभी अनुभवों से, वे सीखते हैं कि जीत हासिल करने से पहले उन्हें परीक्षण से गुजरना होगा.
प्रभु वादा कर रहे हैं कि आपके शोक के दिन समाप्त हो जायेंगे. वह यह भी वादा करता है कि आपका दुःख खुशी में बदल जाएगा (यूहन्ना 16:20). प्रभु ने इस बात को एक दृष्टान्त से स्पष्ट किया. जब स्त्री प्रसव पीड़ा में होती है, तो उसे दुःख होता है, क्योंकि उसकी घड़ी आ पहुँची है; परन्तु जैसे ही उसने बच्चे को जन्म दिया, उसे अब यह दुःख और आनन्द याद नहीं रहा कि संसार में एक मनुष्य उत्पन्न हुआ है. क्या वह नवजात शिशु का मुस्कुराता चेहरा देखकर खुश नहीं होगी? उसकी सारी प्रसव पीड़ा खुशी में बदल जाएगी.
हन्ना के दुःख के दिन थे. एक ओर तो बांझ होने के कारण लोग उसे धिक्कारते थे. दूसरी ओर, उसके प्रतिद्वंद्वी ने भी अपने अपमान से उसका जीवन दयनीय बना दिया. एक दिन हन्ना उठी और परमेश्वर की उपस्थिति में अपने हृदय के आँसू बहाने के लिए गयी.
पवित्रशास्त्र कहता है, “उसे ने कहा, तेरी दासी तेरी दृष्टि में अनुग्रह पाए. तब वह स्त्री चली गई और खाना खाया, और उसका मुंह फिर उदास न रहा.” (1 शमूएल 1:18).
आप प्रार्थना में प्रभु के चरणों में जो कुछ भी रखेंगे, वह उसका ध्यान रखेंगे. अब आपको उस कारण के लिए अपने आँसुओं को जारी रखने की आवश्यकता नहीं है. अपना सारा बोझ यहोवा पर डाल दो; और पुर्ण ह्रदय के साथ उसमें विश्राम करना सीखे.
हमे आनन्दित होना चाहिए और प्रभु से कहना चाहिए, “मेरी प्रार्थना सुनने के लिए धन्यवाद प्रभु; और उन्हें उत्तर देने के लिए आपकी कृपा के लिए. मेरे सारे दुःख को आनंद में बदलने के लिए प्रभु आपका धन्यवाद”. और हमे प्रभु में आनन्द मनाना चाहिए. प्रभु ने हन्ना की प्रार्थना सुनी और उसे शमूएल और पाँच और बच्चे दिए.
परमेश्वर के प्रिय लोगो, विश्वास से प्रभु की स्तुति करे, क्योंकि आपके शोक के दिन समाप्त हो गए हैं. जैसे-जैसे आप उसकी स्तुति करते जाते हैं, सभी चुनौतियाँ आपके सामने पहाड़ की तरह खड़ी हो जाती हैं; और वे सभी समस्याएँ जो आपको कष्ट दे रही हैं गायब हो जाएँगी. और आप परमेश्वर की शांति और आनंद से भर जाएंगे.
मनन के लिए: “उस समय उनकी कुमारियां नाचती हुई हर्ष करेंगी, और जवान और बूढ़े एक संग आनन्द करेंगे. क्योंकि मैं उनके शोक को दूर कर के उन्हें आनन्दित करूंगा, मैं उन्हें शान्ति दूंगा, और दु:ख के बदले आनन्द दूंगा.” (यिर्मयाह 31:13).