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जुलाई 03 –स्वर्ग का द्वार।

“और भय खा कर उसने कहा, यह स्थान क्या ही भयानक है! यह तो परमेश्वर के भवन को छोड़ और कुछ नहीं हो सकता; वरन यह स्वर्ग का फाटक ही होगा. (उत्पत्ति 28:17)

आज, आइए हम स्वर्ग के द्वार पर ध्यान करें. जैसे घरों में द्वार होते हैं, पार्थना स्थल में द्वार होते हैं, और यहाँ तक कि शहरों में भी द्वार होते हैं—स्वर्ग में भी द्वार है!

याकूब, जिसने कभी किसी विशेष स्थान पर परमेश्वर की उपस्थिति को नहीं पहचाना था, वहाँ प्रभु से मिला और स्वर्ग को खुला देखा. उसने धरती और स्वर्ग के बीच एक सीढ़ी देखी. उस सीढ़ी पर स्वर्गदूत चढ़ रहे थे और उतर रहे थे.

लेकिन याकूब ने किसी मनुष्य को उस सीढ़ी पर चढ़ते नहीं देखा. कारण? कोई भी मनुष्य इतना पवित्र नहीं था कि वह उस पर चढ़ सके. मनुष्य में पवित्र परमेश्वर के निकट जाने का साहस या पवित्रता नहीं है, जिसकी आँखें अधर्म को देखने के लिए बहुत शुद्ध हैं. इसलिए केवल स्वर्गदूतों ने सीढ़ी का उपयोग किया.

हालाँकि, जब हम नए नियम के युग में आते हैं, तो यीशु स्वयं वह सीढ़ी बन जाते हैं! उसने ही स्वर्ग और पृथ्वी के बीच सिडी बनाया. उसने मनुष्य के लिए स्वर्ग तक पहुँचने का मार्ग खोला. अपने दर्शन में, यूहन्ना ने स्वर्ग में खड़े लोगों की भीड़ देखी. इतना ही नहीं, यूहन्ना को खुद भी “ऊपर आने” का निमंत्रण मिला. यह कितनी बड़ी आशीष है कि प्रभु यीशु हमारे लिए द्वार बन गए! इसीलिए उन्होंने साहसपूर्वक घोषणा की और कहा: “मैं ही मार्ग हूँ… बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं आ सकता” (यूहन्ना 14:6).

बाइबल कई द्वारों की बात करती है. प्रकाशितवाक्य 3:8 में, हम एक बहुत ही खास द्वार के बारे में पढ़ते हैं: एक खुला द्वार. “मैं तेरे कामों को जानता हूं, (देख, मैं ने तेरे साम्हने एक द्वार खोल रखा है, जिसे कोई बन्द नहीं कर सकता) कि तेरी सामर्थ थोड़ी सी है, और तू ने मेरे वचन का पालन किया है और मेरे नाम का इन्कार नहीं किया.” (प्रकाशितवाक्य 3:8)

जब मनुष्य एक द्वार बंद करता है, तो परमेश्वर बदले में सात शानदार द्वार खोलता है. आशीष की सभी कुंजियाँ उसके हाथ में हैं. वह हमारे सामने दाऊद की कुंजी रखता है. सुसमाचार के द्वार, सेवकाई के द्वार, पवित्रता के द्वार, प्रार्थना के द्वार – सभी खुले रहते हैं.

आज, प्रभु आपको एक खुला द्वार दिखाते हैं. आप बाधाओं से भरे रास्ते पर चले हैं. आपने संघर्षों से यात्रा की है. ऐसे समय भी आए जब आप अटक गए थे, और आगे बढ़ने में असमर्थ थे. लेकिन आज, प्रभु आपके सामने एक खुला द्वार घोषित करते हैं!

जब इस्राएलियों ने कनान में प्रवेश किया, तो यरीहो के द्वार कसकर बंद थे. लेकिन जब उन्होंने शहर को स्तुति के साथ घेर लिया, तो यरीहो की दीवारें गिर गईं – और प्रभु ने रास्ता खोल दिया. आप भी, जैसा उन्होंने किया, वैसे ही परमेश्वर की स्तुति करें; और परमेश्वर चमत्कारिक रूप से आपके लिए जो भी द्वार बंद है उसे खोल देगा.

मनन के लिए: “उसके फाटकों से धन्यवाद, और उसके आंगनों में स्तुति करते हुए प्रवेश करो, उसका धन्यवाद करो, और उसके नाम को धन्य कहो!” (भजन 100:4)

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