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जून 25 – बुलाहट को देखें!
“हे भाइयों अपने बुलाए जाने को तो सोचो कि न शरीर के अनुसार बहुत ज्ञानवान और न बहुत सामर्थी और न बहुत कुलीन बुलाए गए, परंतु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है कि ज्ञान वालों को लज्जित करें।”( 1कुरिन्थियों1:26,27)
परमेश्वर ने आप से कितना प्रेम किया है और परमेश्वर ने आपको प्रेम से चुना है और आपके ऊपर उसने कितनी कृपा रखी है उसकी बुलाहट कितनी महत्वपूर्ण है जरा उसके बारे में सोच कर देखें। आप का महत्व परमेश्वर का आपके साथ रहने के कारण ही है। यीशु मसीह आपके साथ हैं इसलिए आप कठिन और बड़े कामों को कर पाते हैं। परमेश्वर यदि आपके साथ हैं तो आप से बड़ा ज्ञानी कौन हो सकता है ,आपसे बलवान कौन हो सकता है, आपसे सामर्थ्यी कौन हो सकता है? पवित्र शास्त्र कहता है,”जो परमेश्वर की ओर से हमारे लिए ज्ञान ठहरा और धर्म और पवित्रता और छुटकारा।”(1कुरिन्थियों1:30)
परमेश्वर ने जब मूसा को चुना तो मूसा ने अपनी कमजोरी बताते हुए कहा कि “मैं मुंह और जीभ का भद्दा हूं।”किंतु परमेश्वर मूसा के द्वारा समस्त इस्त्राएलियों को 40 साल जंगल में अगुवाई करवाने के लिए सामर्थ्यवान थे।
परमेश्वर ने जब यिर्मयाह भविष्यवक्ता को चुना ,तब यिर्मयाह ने अपने आप को गिराकर क्या कहा आप जानते हैं? ‘हाय प्रभु यहोवा देख मैं तो बोलना भी नहीं जानता क्योंकि मैं लड़का ही हूं।’ फिर भी परमेश्वर ने अपने वचन को उसके मुंह में डालकर उसे भविष्यवक्ता बनाकर सामर्थ के साथ उसे इस्तेमाल किया।
प्रभु ने जब अनपढ़ मछली पकड़ने वाले पतरस को चुना तब उसने कहा ‘हे प्रभु मेरे पास से जा क्योंकि मैं पापी मनुष्य हूं’। किंतु प्रभु ने पतरस को शिष्य बना कर पवित्र आत्मा के वरदान से भरकर एक बड़ा प्रेरित बनाया। मेथाडिस्ट कलीसियाओं के जनक जॉन वेसली उनकी ऊंचाई बहुत कम होने के कारण अन्य लोगों के द्वारा अक्सर उनका उपहास किया जाता था। परंतु परमेश्वर ने उन्हें आग की ज्वाला के समान सामर्थ्य के साथ उपयोग किया।
सारी दुनिया को हिला देने वाले डी. एल. मूडी ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे। वे जो अंग्रेजी बोलते थे, उनको कई बार लोग मजाक बनाते थे। उनकी सेवकाई के द्वारा लाभ प्राप्त करने वाले लाखों लोग हैं। आज भी मसीही इतिहास में उनका एक अटल स्थान है।
परमेश्वर के प्यारे बच्चों, परमेश्वर के द्वारा चुने गए बड़े पवित्र लोगों में शारीरिक रूप से कई कमियां थीं, उसी प्रकार आपके शरीर में भी कुछ कमियां हो सकती हैं। आत्मिक जीवन में आगे न बढ़ पाने के लिए कई रुकावटें हो सकती हैं। हिम्मत न हारें। ज्ञानियों को शर्मिंदा करने के लिए परमेश्वर ने आप को ही चुना है। ताकत को ग्रहण कर दृढ़ होकर उठकर प्रकाशमान हों।
ध्यान करने के लिए, “और यहोवा तुझको पूंछ नहीं ,किंतु सिर ही ठहराएगा और तू नीचे नहीं, परंतु ऊपर ही रहेगा” (व्यवस्था विवरण 28:13)।