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जुलाई 11 – प्रसन्नता का समय!

“परंतु हे यहोवा मेरी प्रार्थना तो तेरी प्रसन्नता के समय में हो रही है; हे परमेश्वर अपनी करुणा की बहुतायत से और बचाने की अपनी सच्ची प्रतिज्ञा के अनुसार मेरी सुन ले” (भजन संहिता 69:13)।

अनुग्रह की यह अवधि वह है, जिसमें परमेश्वर की दया और कृपा आपके चारों ओर होती है। परमेश्वर आपके  प्रति कृपालु हैं। प्रभु ने कहा, “अपनी प्रसन्नता के समय मैंने तेरी सुन ली और उद्धार के दिन मैंने तेरी सहायता की” (2 कुरिन्थियों 6:2)। देखिए पवित्रशास्त्र इस बारे में क्या कहता है। परमेश्वर अकाल की शुरुआत से पहले प्रसन्नता के समय की आज्ञा देते हैं। अकाल आने से पहले मिस्र सात साल तक समृद्ध और परिपूर्ण था।

उस प्रसन्नता के समय के दौरान, जैसा कि यूसुफ ने सलाह दी थी, फिरौन ने खलिहान बनाए थे और उनमें अनाज संरक्षित किया था। कल्पना कीजिए, अकाल के दौरान क्या होता अगर फिरौन ने प्रसन्नता के समय का सदुपयोग  नहीं किया होता। वह और उसके सभी लोग नाश हो जाते। क्या ऐसा नहीं है?

अकाल, प्रसन्नता के समय के बाद आता है। क्या परमेश्वर ने यह घोषणा नहीं की थी कि,”देखो ऐसे दिन आते हैं, जब मैं इस देश में महंगी करूंगा; उसमें न तो अन्न की भूख और न पानी की प्यास होगी, परंतु यहोवा के वचनों के सुनने ही की भूख प्यास होगी (आमोस 8:11)। तो, आइए हम इस प्रसन्नता के समय के दौरान,  आत्मा के लिए आवश्यक दया और अनुग्रह प्राप्त करें। प्रेरित पौलुस लिखते हैं, “… अवसर को बहुमूल्य समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं” (इफिसियों 5:16)।

एक बार, एक युवक  अप्रत्याशित रूप से एक हत्या के मामले में शामिल किया गया। अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई। लेकिन, देश के राज्यपाल ने उसकी दया याचिका पर विचार किया और उसे पता चला कि वह निर्दोष है। राज्यपाल ने उसके रिहाई से संबंधित कागजात लिए और उससे मिलने जेल गए।

वह उस व्यक्ति के लिए प्रसन्नता का समय और अनुग्रह का समय था। लेकिन वह इसे महसूस करने में विफल रहा और राज्यपाल पर गुस्से में चिल्लाना शुरू कर दिया, जो वहां एक पास्टर की तरह कपड़े पहनकर आए थे। उसने अपनी सारी कड़वाहट जो उसके अंदर थी, राज्यपाल पर उंडेल दी। वह चिल्लाया, “बाहर निकलो। मैं आपसे बात नहीं करना चाहता” और यह कहते हुए राज्यपाल द्वारा अपने साथ लाए गए कागजों को फाड़ दिया। राज्यपाल बहुत दुखी होकर जेल से बाहर चले गए।

बन्दीगृह के अधिकारी उस व्यक्ति के पास आए और बोले, “तुमने उनसे ऐसी कठोर बातें क्यों कीं? क्या तुम नहीं जानते कि वह राज्यपाल हैं? क्या तुम नहीं जानते कि वह यहाँ तुम्हें क्षमा-पत्र देने आये थे?” वह आदमी चीजों को जानकर बहुत दुखी हुआ और फांसी की ओर चलते हुए उसने कहा, “मैं हत्या के आरोपों के लिए इस सजा का सामना नहीं कर रहा हूं, लेकिन इस सजा का असली कारण यह है, कि मैं प्रसन्नता के समय का उपयोग करने में विफल रहा , जो मुझे दिया गया था।”

ध्यान करने के लिए, “वह तुच्छ जाना जाता  और मनुष्यों का त्यागा हुआ था ;वह दुखी पुरुष था, रोग से उसकी जान पहचान थी और लोग उससे मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और हमने उसका मूल्य न जाना।”(यशायाह 53:3)।

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